हालांकि, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को अब एक और हथियार मिल गया है, यानी कि भारत में एक और कोरोना वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने कुछ शर्तों के साथ रूसी कोरोना वैक्सीन ‘स्पुतनिक-वी’ के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए सिफारिश की है।
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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) की मंजूरी के बाद भारत का औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) अंतिम फैसला लेगा। यहां से मंजूरी मिलने के साथ ही स्पुतनिक-वी तीसरा कोरोना वैक्सीन होगा, जिसका टीका लगाया जा सकेगा। भारत में अभी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार कोविशील्ड तथा भारत बायोटेक-आईसीएमआर की कोवैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। भारत में अब तक इन दो वैक्सीनों की 10 करोड़ से अधिक खुराक लगाई जा चुकी है।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने पिछले सप्ताह मांगी थी मंजूरी
आपको बता दें कि पिछले सप्ताह हैदराबाद स्थित दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज ने भारत सरकार से स्पूतनिक वी के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने की इजाजत मांगी थी। यह वैक्सीन 9.1.6 फीसदी प्रभावी है और यूएई, भारत, वेनेजुएला और बेलारूस में फेज 3 के क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है।
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सितंबर 2020 में रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) ने डॉ. रेड्डीज से भारत में क्लीनिकल ट्रायल के लिए पार्टनरशिप की थी। इसके अलावा RDIF ने भारत में प्रतिवर्ष 20 करोड़ डोज के उत्पादन के लिए मार्च में विरचो बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड से समझौता किया था। इसने स्टेलिस बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड और पैंसिया बायोटेक से 20 और 10 करोड़ डोज उत्पादन के लिए पार्टनरशिप की है।
आपको बता दें कि देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,35,27,717 हो गई है। जबकि संक्रमण के कारण देश में अब तक कुल 1,70,179 लोगों की मौत हो चुकी है।