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Corona Crisis : याकूब ने अंत तक नहीं छोड़ा अमृत का साथ, पेश की इंसानियत की मिसाल

अमृत की तबियत बिगड़ी तो ट्रक से उतार सड़क पर छोड़ गए साथी
याकूब मोहम्मद दोस्त का ख्याल रखने के लिए ट्रक से उतर गया
शिवपुरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया और अंतिम सांस तक दिया साथ

May 17, 2020 / 09:20 am

Dhirendra

yakub Mohammad and Amrit

दोस्त अमृत का सिर गोदी में लिए शिवपुरी में सड़क किनारे बैठा याकूब मोहम्मद।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया को कोरोना वायरस महामारी ( coronavirus Pandemic ) से तत्काल राहत मिलने की उम्मीद बहुत कम है। ऐसे में लोग अपनी जान बचाने की आपाधापी में लगे हैं। लेकिन इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई जो सभी को कोरोना संकट ( Corona Crisis ) के दौर में भी इंसानियत की सीख देती है।
घटना मध्य प्रदेश के शिवपुरी ( Shivpuri ) की है। बात गुजरात से शुरू होकर उत्तर प्रदेश तक जा पहुंचती है और दुनियाभर के लोगों को इंसानियत और दोस्ती का सीख देती है। दोस्ती का ये पैगाम यह सीख देती है कि कोरोना काल में मानवता पर संकट छा गया है लेकिन यह संकट हमेशा के लिए रहने वाला नहीं है। यह वक्त भी बीत जाएगा और मानवता जीत जाएगी।
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दरअसल, कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहे मध्य प्रदेश के शिवपुरी में इंसानियत की ऐसी ही मिसाल देखने को मिली है। यहां दो अलग-अलग संप्रदायों के मजदूर मित्रों के बीच कुछ ऐसा हुआ जिसे जानकर मन दुखी तो होगा, लेकिन फिर खुशी भी होगी।
कोरोना संदिग्ध 24 वर्षीय अमृत गुजरात के सूरत से यूपी के बस्ती जिला स्थित अपने घर एक ट्रक के जरिए लौट रहा था। उस ट्रक में कई और लोग सवार थे। ट्रक जब मध्य प्रदेश के शिवपुरी-झांसी फोरलेन से गुजर रहा था, तभी अमृत की तबीयत बिगड़ने लगी। साथियों को लगा कि अमृत को कोरोना है। यह सोचकर साथियों ने डर के मारे उसे शिवपुरी में उतार दिया। लेकिन याकूब मोहम्मद ने संकट के इस घड़ी में भी उसका साथ अंतिम दम तक दिया।
वह खुद भी ट्रक से उतर गया। अमृत बेहोशी की हालत में था। दोस्त को ऐसी हालत में देखते हुए याकूब ने कोरोना के डर के बावजूद अमृत का हाथ थामा और उसका सिर अपनी गोद में रख लिया। लोगों ने उसे देखा तो उसकी मदद की। लोगों की मदद से अमृत को लेकर याकूब उसको लेकर जिला अस्पताल तक पहुंचा। अमृत की गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उसे तुरंत वेंटीलेटर पर रखा, लेकिन उपचार के दौरान अमृत ने दम तोड़ दिया।
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शिवपुरी के जिला अस्पताल में 23 वर्षीय मोहम्मद याकूब ने बताया कि हम दोनों गुजरात ( Gujrat ) के सूरत स्थित फैक्ट्री में मशीन से कपड़ा बुनने का काम करते थे। लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री बंद हो गई। सूरत से ट्रक में चार-चार हजार रुपए किराया देकर नासिक, इंदौर होते हुए कानपुर लौट रहे थे। सफर के दौरान अचानक अमृत की हालत बिगड़ गई। अमृत को तेज बुखार आया और उल्टी जैसी स्थित बनने लगी।
ट्रक में बैठे 55-60 लोग विरोध करने लगे और अमृत को उतारने की जिद करने लगे। ट्रकवाले ने अमृत को उतार दिया तो अमृत का ख्याल रखने के लिए मैं भी उतर गया।

इस मामले में शिवपुरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. पीके खरे ने बताया कि 24 वर्षीय अमृत पुत्र रामचरण सूरत गुजरात से यूपी के जिला बस्ती जा रहा था। खरे ने बताया है कि मृतक अमृत और उसके साथी का कोरोना टेस्ट कराया गया है। फिलहाल रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है।

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