अब जरूरतमंदों को आसानी से मिलेगा खून, स्वास्थ्य मंत्रालय ने लॉन्च किया eBloodServices App दरअसल केंद्र ( mhrd news ) और सीबीएसई बोर्ड ( Central Board of Secondary Education ) ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि कक्षा 10 और 12 की शेष परीक्षाएं ( CBSE exams 2020 ) आयोजित नहीं की जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर 1-15 जुलाई से निर्धारित CBSE 12वीं की लंबित परीक्षाओं को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पिछली परीक्षाओं में उनके प्रदर्शन के आधार पर बारहवीं कक्षा के छात्रों को अंक देने की एक योजना बनाई गई है। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को बाद में आयोजित होने वाली वैकल्पिक परीक्षा देने की भी आजादी होगी या पिछले प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन प्रक्रिया के साथ जाना होगा। वहीं, ICSE बोर्ड ने कहा कि उसने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द कर दिया है, जिसमें दोबारा परीक्षा का कोई विकल्प नहीं है।
कथित तौर पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और मंत्रालय मानव संसाधन विकास (एमएचआरडी) सुनवाई पर करीबी नजर रखे हुए हैं क्योंकि यह निर्णय जेईई मेन 2020 और एनईईटी 2020 ( NEET 2020 Exam latest news ) को भी प्रभावित कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को लंबित बोर्ड परीक्षाओं पर अंतिम फैसला सुनाएगा, जिसका JEE और NEET सहित आगामी प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं पर सीधा असर पड़ने की संभावना है। इन परीक्षाओं के दौरान सभी अनिश्चितता के बीच, कई छात्र और अभिभावक अब इसे आगे स्थगित करने की मांग कर रहे हैं और हैशटैग #NoExamsinCOVID के साथ ट्विटर पर शेयर कर रहे हैं।
PM Modi का आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम, Space Sector पर ऐतिहासिक फैसला हालांकि न तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय और न ही एनटीए ने परीक्षाओं को स्थगित करने पर कोई भी ईशारा किया है। कुछ ने प्रवेश परीक्षाओं को रद्द करने और मेरिट के आधार पर छात्रों को प्रवेश देने के लिए भी आवाज उठाई है। हालांकि यह कुछ छात्रों के लिए अनुचित हो सकता है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने हाल ही में स्थिति की समीक्षा की और सीबीएसई के प्रमुखों के साथ-साथ एनटीए के साथ अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रमुखों के साथ बैठक की। अभी तक इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि मंत्रालय परीक्षाओं को स्थगित कर देगा, क्या सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी जानी चाहिए।
एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने हाल ही में कहा था कि एचआरडी मंत्रालय द्वारा जब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं कर दी जाती, तब तक इंजीनियरिंग एडमिशन को रद्द करने या आयोजित कराने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।
वहीं, इस संबंध में ग्रेटर नोएडा स्थित नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. प्रवीण पचौरी कहते हैं कि हर एक दिन बीतने के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं को आयोजन कराने की चुनौती बढ़ती जा रही है। मौजूदा हालात कई सवाल खड़े कर रहा है, जैसे अगर 12वीं की परीक्षाएं पूरी तरह रद्द कर दी गईं तो नतीजे कब आएंगे। इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम कैसे कराए जाएंगे। नया सेशन कब से चालू होगा.. समेत कई और।
सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा को लेकर सामने आई बड़ी जानकारी डॉ. पचौरी के मुताबिक एंट्रेस एग्जाम कराना कोई बहुत बड़ी चुनौती नहीं है और इस वक्त जब ऑनलाइन स्टडी हो रही है तो ऑनलाइन एंट्रेस एग्जाम भी कराए जा सकते हैं। तमाम ऐसे ऐप्स हैं जो ऑनलाइन एग्जाम बेहद सहूलियत से करा सकते हैं। इन्हें किसी परीक्षा केंद्र पर या घर पर भी दिया जा सकता है। आज तकनीकी ऐसी हो गई है कि छात्र अपने मोबाइल पर कैमरा ऑन करके सीधे परीक्षा दे सकते हैं। इनका परिणाम भी काफी जल्द आ जाता है।
हालांकि अगर इन प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन को लेकर जल्द ही कोई फैसला नहीं लेती तो बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। संभावनाएं जीरो सेशन की भी बन सकती हैं, जो ना केवल छात्रों बल्कि कॉलेजों और शिक्षकों के लिए भी आर्थिक चुनौती खड़ी कर सकती है। परीक्षाएं बेहद आसानी से और सुरक्षित ढंग से आयोजित कराई जा सकती हैं, बशर्ते सरकार ऐसा चाहे।
तमाम चुनौतियां हैं सामने