गुड्स ऐंड सर्विस टैक्स को देश में अब तक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म कहा जा सकता है। खास बात यह है जीएसटी को लागू करने में अरुण जेटली की अहम भूमिका रही। सभी राज्यों को इस टैक्स के लिए एकमत करने के पीछे भी जेटली की कड़ी मेहनत थी। जुलाई 2017 में जब GST लागू हुई तो पहले काफी समस्याएं आईं विरोधियों ने भी निशाना साधा, लेकिन धीरे-धीरे इसके फायदे नजर आने लगे। टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को आसान और बिजनस फ्रेंडली बनाने के साथ-साथ दरों में संशोधन कर आम उपभोक्ता को बड़ा लाभ पहुंचाया।
अरुण जेटली के भारतीय अर्थव्यवस्था में अहम योगदानों में इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) को भी बड़ा कदम माना जा सकता है। बैंकिंग व्यवस्था में ढांचागत सुधार के तहत यह कानून बनाया गया। बैंक से बड़े-बड़े कर्ज लेकर उन्हें गटक जाने वाली कंपनियों और पूंजीपतियों में खौफ के लिए इस तरह के कानून की जरूरत महसूस की जा रही थी, इसे जेटली ने लाकर बड़ा कदम उठाया।
अरुण जेटली के अर्थव्यवस्था को लेकर लिए गए अहम फैसलों में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ( MPC ) का गठन भी एक था। इसके जरिए मौद्रिक नीति बनाने में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना अहम मकसद रहा। इस कमेटी की अगुवाई आरबीआई गवर्नर करता है और इनका काम ब्याज दरों को तय करना है। 6 सदस्यों वाली इस कमेटी में तीन आरबीआई से और तीन सरकार के सदस्य शामिल हैं।