हालांकि अभी सभी राज्यों में स्कूल नहीं खोले गए हैं, लेकिन राज्यों में खोले गए हैं वहां भी बच्चों की संख्या काफी कम है। कोविड-19 के डर की वजह से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में संकोच कर रहे हैं।
बिहार चुनाव के बीच बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने तमंचे से कसा तेजस्वी पर तंज, जानें क्या कहा कम उपस्थिति के चलते फिर बंद हुए कैंपसकेंद्र सरकार ने करीब पांच महीने बाद बच्चों की पढ़ाई को लेकर अहम फैसला लिया और अनलॉक-4 के जरिए स्कूलों को दोबारा खोला गया। 21 सिंतबर से 9वीं से 12वीं के छात्रों के स्कूल तो खुले लेकिन यहां स्टूडेंट्स नदारद ही रहे।
सरकार ने राज्यवास स्थिति के मुताबिक स्कूल खोलने की अनुमति दी थी। यही वजह है कि कुछ राज्यों ने 21 सितंबर से स्कूल खोले तो कुछ नहीं बंद ही रखे। जिन राज्यों में स्कूल खोले गए वहां भी उपस्थिति उम्मीद से भी कम रही। दरअसल कोरोना महामारी के चलते अब भी अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। यही वजह है कि कई स्कूलों में कम छात्रों की कम उपस्थिति के चलते कैंपस को 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया।
केंद्र ने जारी की ये गाइडलाइन
स्कूलों को खोलने से पहले केंद्र सरकार ने स्कूल प्रबंधन के लिए अहम गाइडलाइन जारी की थी। इसके तहत स्कूल जाने के इच्छुक छात्रों को पैरंट्स से लिखित अनुमित लेनी है। स्टूडेंट्स के बीच कम से कम 6 फीट की दूसरी होनी चाहिए। इसके अलावा फेस कवर/मास्क अनिवार्य किया गया है।
क्वारंटीन सेंटर रहे स्कूलों को खोलने से पहले पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा। इन सबके साथ सिर्फ 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए ही स्कूल खोलने की इजाजत दी गई थी।
कोरोना संकट के बीच आई सुकून देने वाली खबर, जानें क्यो मिली बड़ी राहत इन नियमों का भी सख्ती से पालन
– इंटरवल और फ्री टाइम में छात्रों को एक जगह एकत्र होने की इजाजत नहीं
– स्कूल परिसर में छात्रों और सभी कर्मचारियों के लिए मास्क पहनना जरूरी
-एक से ज्यादा एंट्री और एग्जिट गेट की व्यवस्था
– डेस्क, टीचिंग मटीरियल, कंप्यूटर, Laptop को लगातार डिसइंफेक्ट करना