भूपेंद्र चौधरी ने कहा, “दिसंबर में चुनाव प्रस्तावित थे। हमारी तैयारी भी पूरी थी। अलग-अलग सामाजिक वर्गों के साथ सम्मेलन, बूथ कमेटी और मतदाता सूची पर हमने काम कर लिया था, लेकिन सपा के षडयंत्र के कारण मामला न्यायालय में चला गया था।”
निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के मामले में बीते दिसंबर में 6 महीने के लिए आयोग का गठन किया गया था। इस छह सदस्यीय आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर कर सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंप दी गई है। आयोग ने समय से पहले रिपोर्ट तैयार की है।
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बताया जा रहा है कि सरकार ने नगर निकाय चुनाव को लेकर गठित पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट आने के बाद पार्टियों में हलचल तेज हो गई है और वे तैयारियों में जुट गई हैं. वहीं, सभी पार्टियां चुनाव की तारीख का बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए 11 से 17 मार्च तक आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। किसी मतदाता का नाम किसी अन्य वार्ड की मतदाता सूची में शामिल हो गया है, तो उसका नाम उनसे संबंधित वार्ड की मतदाता सूची में नाम दर्ज करने की कार्रवाई इसी दौरान की जाएगी।