आदेश के बाद भी खतौनी में नहीं चढ़ा रहे थे नाम
एंटी करप्शन मिर्जापुर के प्रभारी निरीक्षक विनय कुमार सिंह ने बताया कि पड़री के देवपुरा पटखौली गांव के रहने वाले अंकित पांडेय के दादा रमाकांत का नाम किसी कारण वश खतौनी से कट गया था। जिसमें नाम दर्ज कराने के लिए उन्होंने एसडीएम सदर के न्यायालय में याचना की थी, जहां उनके पक्ष में आदेश होने के बावजूद उनके दादा रमाकांत का नाम खतौनी में नहीं चढ़ाया जा रहा था।
SDM के कहने के बाद भी मांगी गई रिश्वत
कई बार चक्कर लगाने के बावजूद खतौनी में नाम नहीं चढ़ाने पर उन्होंने मामले की शिकायत दोबारा एसडीएम सदर गुलाब चंद्र के यहां की। इस पर एसडीएम सदर ने अंकित पांडेय से पेशकार राजेंद्र चौरसिया से मिलकर अपने दादा का नाम चढ़वाने के लिए कहा। आरोप है कि जब अंकित पांडेय पेशकार के पास गए तो पेशकार ने सुविधा शुल्क देने की मांग की।
परेशान अंकित ने एंटी करप्शन विभाग में की शिकायत
यह भी आरोप है कि पेशकार ने कुलदीप से मिलने के लिए कहा कि जो उनका सहयोगी है। उसने बताया कि खतौनी में नाम चढ़वाने के लिए उसे दस हजार रुपये देने होंगे। जब तक रुपये नहीं देंगे, तब तक नाम खतौनी में नहीं चढ़ेगा।अंकित पांडेय परेशान होकर 14 दिसंबर काे एंटी करप्शन विभाग में पहुंचकर मामले की शिकायत की।
अंकित के साथ सादे कपड़े में पहुंची एंटी करप्शन टीम
शिकायत पर टीम ने आरोपितों को पकड़ने के लिए अंकित को साथ चलने के लिए कहा। 17 दिसंबर की दोपहर एक बजे उनके नेतृत्व में टीम सादेवेश में अंकित को लेकर कलेक्ट्रेट स्थित एसडीएम सदर न्यायालय पहुंची। वहां मौजूद कुलदीप गौड़ को अंकित ने दस में से तीन हजार रुपये रिश्वत के दिए। कहा कि जब कागजात दे देंगे ताे बाकी के रुपये मिल जाएंगे।
एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ा
कुलदीप रुपये लेकर पेशकार राजेंद्र चौरसिया के पास गया। उन्हें रुपये देते हुए कहा कि इतने मिल गए हैं, बाकी बाद में मिलेगा। यह देख एंटी करप्शन टीम दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार करके शहर कोतवाली ले गई। वहां दोनों का हाथ धुलवाया तो कलर हो गया।मिर्जापुर सदर एसडीएम गुलाब चंद्र ने बताया कि आदेश पहले ही हो चुका था। परवाना भी चला गया था। अब पेशकार स्तर से यदि कुछ गड़बड़ी की गई है ताे कार्रवाई जरूर होनी चाहिए। इसकी जांच भी होनी चाहिए।