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शहर के लोगों ने विधुत विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। इसके बाद सोमवार को विद्युत विभाग के संविदाकर्मियों ने भी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए थाने पर तहरीर दी। उनका कहना था कि विद्युत विभाग के अधिकारी बुरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है। वे विधुत विभाग में काम करने वाले संविदाकर्मियों का शोषण करते हैं। इसके साथ ही इन लोगों ने आरोप लगाया कि दलित जाति के कर्मियों को जातिसूचक शब्दों के साथ बुलाते हैं। विरोध करने पर मुकदमा दर्ज करने और नौकरी से बाहर करने की धमकी देने का आरोप भी लगाया।
इन लोगों का आरोप है कि विभाग के अफसर क्षेत्र में उनसे अवैध उगाही करने का प्रेरशर डालते हैं। यदि वे मना करते हैं तो उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करा देते हैं। ऐसा ही एक उत्पीड़न उन्होंने संविदाकर्मी कुलदीप के साथ किया था। इसके डर से सभी संविदाकर्मी अपनी आवाज दबाकर रखते हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त विधुत अधिकारियों का ये उत्पीड़न उनके बर्दास्त से बाहर हो गया है। इसलिए वे अब मजबूरन पुलिस की सहायता ले रहे है, ताकि अधिकारी आगे उनका उत्पीड़न न कर सकें। उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की। मांग के पूरा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इस अवसर पर सचिन, अमित, विकास आदि संविदाकर्मी मौजूद रहे। वहीं, संवीदा कर्मचारियों की तहरीर लेकर खेकड़ा पुलिस ने जांच के नाम पर रख ली है और तहरीर देने के 24 घंटे बार भी मामला दर्ज नहीं किया है। खेकड़ा एसओ शिव प्रकाश का कहना है कि पहले आरोपों की जांच की जा रही है, उसके बाद ही मामला दर्ज हो पायेगा। 24 घंटे बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं करने के सवाल पर एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव का कहना था कि मामले में जांच चल रही है, उसके बाद ही मामला दर्ज होगा।