scriptDarul Uloom: दारुल उलूम का फरमान, छात्रों ने अंग्रेजी पढ़ी तो होगा निष्कासन, पहले बने आलिम फिर बने डॉक्टर और वकील | Students banned from reading English in Darul Uloom, a major center of Islamic education | Patrika News
मेरठ

Darul Uloom: दारुल उलूम का फरमान, छात्रों ने अंग्रेजी पढ़ी तो होगा निष्कासन, पहले बने आलिम फिर बने डॉक्टर और वकील

दारुल उलूम ने अपने छात्रों अंग्रेजी पढ़ने पर रोक लगा दी है। दारुल उलूम में किसी छात्र ने अंग्रेजी पढ़ी तो उसको निष्कासित किया जाएगा।

मेरठJun 15, 2023 / 08:54 am

Kamta Tripathi

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Darul Uloom: देश में इस्लामी तालीम के बड़े केंद्र दारुल उलूम ने अपने छात्रों के लिए नया फरमान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि दारुल उलूम का कोई भी छात्र अंग्रेजी नहीं पढ़ेगा। दारुल उलूम में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान छात्रों को इंग्लिश या किसी दूसरी भाषा की पढाई करना प्रतिबंधित है। दारुल उलूम ने कहा है कि आदेश न मानने वाले छात्र को सीधे निष्कासित किया जाएगा।
दारुल उलूम शिक्षा विभाग के प्रभारी मौलाना हुसैन हरिद्वारी की तरफ से जारी किए आदेश में कहा है कि दारुल उलूम में तालीम हासिल करने के दौरान छात्रों को अंग्रेजी आदि सीखने की जरूरत नहीं है। अगर कोई छात्र इस नियम को नहीं मानता या फिर गुप्त रूप से उसकी इसमें संलिप्ता मिलती है तो उसका निष्कासित कर संस्था से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।
इसके साथ आदेश में कहा गया है कि अगर कोई छात्र पढ़ाई के दौरान कक्षा के बजाए कमरे में पाया जाता है या उपस्थिति दर्ज कराकर कक्षा के समाप्त होने से पहले चला जाता है तो ऐसे छात्र के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रबंधन के इस आदेश से उन छात्रों में बेचैनी पैदा है जो बेहतर भविष्य के लिए दारुल उलूम में शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही अंग्रेजी या कंप्यूटर आदि के कोर्स करते हैं।
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पहले आलिम बाद में बनें डॉक्टर, इंजीनियर : मदनी
दो दिन पूर्व मस्जिद रशीदिया में आयोजित इजलास में दारुल उलूम के सदर मुदर्रिस और जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने छात्रों को नसीहत की थी। जिसमें कहा था कि मदरसा हमारा दीन है। हमारी दुनिया नहीं। इसलिए पहले अच्छे आलिम-ए-दीन बने और उसके बाद डॉक्टर, इंजीनियर या वकील बनें। क्योंकि दो किश्तियों की सवारी हमेशा नुकसानदायक ही साबित होती है।

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