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मेरठ

जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल इन्हें ही क्यों बनाया गया, दोस्तोें ने खोला राज, आप भी रह जाएंगे दंग

कालेजों के दिनों को याद करते हुए दोस्तों ने बतार्इ एेसी बातें कि अभी तक किसी ने नहीं सुनी होंगी
 

मेरठAug 22, 2018 / 04:30 pm

sanjay sharma

meerut

जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल इन्हें ही क्यों बनाया गया, दोस्तोें ने खोला राज, आप भी रह जाएंगे दंग

मेरठ। सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाए जाने पर मेरठ के लोगों को भी गर्व है। सत्यपाल मलिक वेस्ट यूपी के प्रमुख मेरठ कालेज के छात्र रहे हैं। उनके जम्मू-कश्मीर जैसे राज्य का राज्यपाल बनाए जाने से मेरठ कालेज और उनके कालेज के सहपाठियों में हर्ष है। उनके कालेज के साथी रहे दोस्तों से जब ‘पत्रिका’ ने बात की तो पहले तो उन लोगों ने कहा कि यह राजनैतिक प्रक्रिया है। इसके बारे में उन्हें कुछ नहीं कहना है, लेकिन जब काफी कुरेदा गया तो उन्होंने कर्इ बातेें उनके बारे में बतार्इ, जो बहुत कम लोग ही जानते हैं।
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मलिक के दोस्त कवि हरिआेम पंवार ने यह कहा

सत्यपाल मलिक के कालेज के दिनों के साथी और प्रख्यात कवि हरिओम पंवार ने उन दिनों की यादें ताजा करते हुए कहा कि सत्यपाल मलिक के भीतर एक खूबी है और वह है कि जिस काम को भी पूरा करने की ठान लेते हैं उसको पूरा करके ही छोड़ते हैं। कालेज के दिनों में सत्यपाल मलिक छात्र संघ की राजनीति करते थे और मेरठ कालेज के छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे। छात्र राजनीति में भी सत्यपाल मलिक का प्रमुख योगदान रहा है। वह लोहिया के समर्थक थे। छात्र राजनीति के दिनों में वे छात्राें के हित से जुड़ी मांगों को प्रमुखता से उठाया करते थे। इसी कारण वे छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए थे।
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सत्यपाल मलिक का छात्र जीवन

सत्यपाल मलिक ने अपने ढिकोली से इंटर तक की पढ़ाई की और बीएससी व एलएलबी की पढ़ाई मेरठ यूनिवर्सिटी से की। वह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने ही मेरठ कालेज में छात्रसंघ की नींव डालने के अलावा उसके चुनाव की नियमावली भी तैयार की। उन्होंने दो बार चुनाव की नियमावली बनाई और दो बार मेरठ कालेज छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे।
मलिक का राजनैतिक कॅरियर

सत्यपाल मलिक 1980 से 1984 और 1986 से 1989 तक राज्यसभा सांसद और 1989 से 1990 तक लोकसभा सांसद रहे। वह 1974 से 1977 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी रहे। वह 21 अप्रैल, 1990 से 10 नवंबर, 1990 तक केंद्रीय पर्यटन एवं संसदीय राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। वह विभिन्न संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे। वह मूल रूप से समाजवादी विचारधारा के नेता रहे हैं। वह लोकदल में भी रहे हैं। वह चौधरी चरण सिंह के बेहद भरोसेमंद साथियों में एक रहे और आपातकाल में जेल में भी रहे, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के बाद वह समाजवादी पार्टी और अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल में भी रहे और बाद में भाजपा में शामिल हो गए।
काश्मीर के हैं नजदीक जानकार

जो लोग सत्यपाल मलिक के काफी नजदीकी हैं उनका मानना है कि वह कश्मीर को काफी नजदीक से जानते हैं। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को सत्यपाल मलिक ने ही 1989 में मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव लड़वाया था। विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में जब जार्ज फर्नांडीज कश्मीर मामलों के प्रभारी थे तो सत्यपाल मलिक भी उनके करीबी थे। इस दौरान सत्यपाल मलिक का कश्मीर कई बार आना-जाना रहा।

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