Meerut Weather update : दशहरे पर बारिश से बदला मेरठ का मौसम, कम हुई मेला की रौनक
रणभूमि में रथ पर सवार रथी की पहचान के लिए रथ पर ध्वज और पताका (ध्वज के नीचे उससे थोड़े छोटे ध्वज को पताका कहते हैं) होते हैं। जब तक ध्वज और पताका रणभूमि में दिखती रहती है, रथी सकुशल माना जाता है। अंत में श्रीराम और रावण के बीच भयंकर युद्ध होता है। जब रावण नहीं मर पाया। तब विभीषण ने श्रीराम को लंकापति रावण की नाभि में अमृत होने की बात बताई। श्रीराम ने एक तीर रावण की नाभि में मारा। जिससे रावण तीर लगते ही धराशायी हो गया। रावण के धराशाही होते ही पुतलों में भयंकर विस्फोट होने लगा और वो आग के हवाले हो गए। वरिष्ठ संरक्षक डॉ0 राम कुमार गुप्ता के निर्देशन में संपूर्ण लीला संपन्न हुई। 120 फुट ऊँचे रावण दहन उनके द्वारा किया गया। रावण दहन के पश्चात 2 घंटे से अधिक समय तक आतिशबाजी होती रही। आसमान में रंग-बिरंगे पटाखों की रोशनी से संपूर्ण मेरठ शहर जगमगा गया। दस हजार पटाखों वाली लड़ी का भरपूर आनंद वहां मौजूद बच्चों व जनता ने उठाया। संपूर्ण लीला मंचन के लिए संस्था पदाधिकारियों व कलाकारों का उत्साहवर्धन मुख्य संरक्षक डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपेई जी राज्यसभा सांसद द्वारा किया गया।
Ravana worship on Dussehra : यूपी के इस गांव में दशहरे को होती है लंकाधिपति की पूजा,ग्रामीणों के दिल में बसे महाज्ञानी रावण
जिमखाना मैदान बुढ़ाना गेट मेरठ शहर व रामलीला मैदान के संपूर्ण मंचन की मुख्य भूमिका में कमल दत्त शर्मा रहे। कार्यक्रम में संस्था अध्यक्ष मनोज गुप्ता राधा गोविंद मंडप, संयोजक उत्सव शर्मा, महामंत्री मनोज अग्रवाल , कोषाध्यक्ष योगेंद्र अग्रवाल, राकेश शर्मा संचालक, पंकज गोयल पार्षद, विपुल सिंघल, राकेश गर्ग, कृष्ण गोपाल शर्मा इस्कॉन वाले, राजेन्द्र अग्रवाल प्लास्टिक, विपिन गुप्ता बिजली वाले, अजित शर्मा, उमा शंकर पाल, अजय गोयल अनन्या, प्रदीप अग्रवाल, मनोज जिंदल, दीपक गोयल ,संदीप गोयल रेवड़ी, सचिन गोयल, राजन सिंघल, संदीप पाराशर, दीपक सिंघल, सुरेश गोयल ,संजय, मयूर अग्रवाल सहित भारी संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।