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Update: नलकूप चालक परीक्षा का पेपर इस शिक्षक ने किया था साॅल्व, यूपी के प्रतिष्ठित कालेज का रह चुका छात्र तीन लाख एडवांस में बाकी बाद में सीओ एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक की पूछताछ में मुख्य आरोपी शिक्षक सचिन ने यही बताया कि उसने हर अभ्यर्थी से आउट पेपर देने का सौदा सात लाख रूपये में किया था। तीन लाख रुपये एड़वांस में और बाकी परीक्षा होने के बाद लेने थे। अधिकांश लोगों से वह तीन लाख रुपये ले चुका था। इस गैंग में सचिन ने अन्य लोगों को भी शामिल किया था। जिस स्कूल में सचिन अमरोहा में तैनात है, वहां मंगलवार को एसटीएफ और पुलिस जांच पड़ताल करने जाएगी।
विवि के कई छात्रनेता से संपर्क पकड़े गए शिक्षक के सीसीएसयू के कई छात्र नेताओं से भी संबंध हैं। वह वर्तमान ने ऐसे पार्टी के एक नेता के घर आता जाता था जो पूर्व में विश्वविद्यालय का छात्र नेता रह चुका है। यह छात्र नेता समाजवादी युवजन सभा से है। सीओ एसटीएफ के अनुसार चौधरी चरण सिंह विवि में उत्तर पुस्तिका विभाग में एमबीएसएस की उत्तर पुस्तिका बदलने के मामले में मुख्य आरोपी कैंपस के छात्र नेता कविराज से भी अध्यापक के संपर्क थे। कविराज भी कई बार सचिन से पेपर आउट करवा चुका था।
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यह सरकारी स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से नहीं कम, टीचर ने अपनी सैलरी से कराया सारा काम आरोपी के मोबाइल की चेकिंग सीओ ने बताया कि सचिन के मोबाइल फोन की जांच की गई तो उसमें 50 से अधिक मोबाइल नंबर संदिग्ध मिले। जिसमें एक सरकारी शिक्षक के अलावा दूसरे विभाग के एक कर्मचारी को भी कॉल की थी। जिस समय एसटीएफ ने सचिन और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था, उससे पहले सचिन ने अपने मोबाइल फोन से 24 घंटे में अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर 200 से ज्यादा कॉल की थी। एक मोबाइल नंबर पर भी उसने करीब 20 से अधिक बार बात की थी। नलकूप चालक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में गिरफ्तार 11 आरोपियों को रविवार को स्पेशल कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
ये तो मोहरा हैं मुख्य आरोपी अन्य एसटीएफ सीओ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि पकड़े गए युवक तो मात्र मोहरा हैं। इसके अलावा मुख्य आरोपी तो कोई और ही हैं। जो पर्दे के पीछे से यह सारा काम करवा रहा है। जांच में इसका खुलासा होगा। सभी नंबरों की जांच की जा रही है।