यूपी को मिलने वाला है एक और तोहफा पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दो महीने बाद एक और नया एक्सप्रेस-वे का तोहफा में मिलने वाला है। देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण इस साल अक्टूबर में शुरू करने की तैयारी है। यूपी सरकार ने घोषणा की है कि एक्सप्रेस-वे के लिए 90 प्रतिशत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का कार्य पहले ही पूरी हो चुकी है। वाहनों को केवल विशिष्ट टोल प्लाजा के माध्यम से एक्सप्रेस-वे में प्रवेश करने या बाहर निकलने की अनुमति होगी। साथ ही यहां दो मुख्य टोल प्लाजा होंगे, जो मेरठ और प्रयागराज में बनेंगे।
एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगे यूपी के 12 जिले और 519 गांव करीब 36,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस प्रोजेक्ट के अगले 26 महीनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेस-वे से यूपी के 12 जिले और 519 गांव जुड़ेंगे। इसे 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति के अनुसार डिजाइन किया गया है। योगी सरकार की कोशिश है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इसका शिलान्यास कराकर जल्द से जल्द निर्माण काम शुरू कर दिया जाए।
जमनी का हो चुका है अधिग्रहण यूपीडा की रिपोर्ट के अनुसार मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जुलाई तक मेरठ समेत 12 जिलों में 4568.3774 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। अब इन जिलों में 2082.7682 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई शेष है। सभी जिलों को बैनामे के माध्यम से अधिग्रहण की कार्रवाई पूर्ण करने को कहा गया है। मेरठ जिले में मात्र कुछ हैक्टेयर जमीन के अधिग्रहण की कार्रवाई शेष है। डीएम की ओर से हर दिन विभिन्न गांवों के किसानों का मुआवजा घोषित किया जा रहा है। साथ ही बैनामे भी प्रतिदिन हो रहे हैं।
मेरठ जिले में गंगा एक्सप्रेसवे के लिए तेजी से कार्रवाई चल रही है। हर दिन बैनामे हो रहे हैं। किसानों के लिए मुआवजा घोषित हो रहा है। जल्द ही जिले में बैनामे और अधिग्रहण की कार्रवाई पूर्ण हो जाएगी। शिलान्यास की सूचना यूपीडा से जारी होगी।