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मेरठ

पवन जल्लाद ने कहा- Nirbhaya के दरिंदों को फांसी देने पर मुझे मिलेगी बहुत शांति

Highlights

निर्भया के चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देने का फैसला
जेल प्रशासन ने पवन जल्लाद के शहर के बाहर जाने पर लगाई रोक
चौथी पीढ़ी है पवन जल्लाद, परदादा लक्ष्मण ने अपनाया था यह पेशा

 

मेरठJan 08, 2020 / 03:01 pm

sanjay sharma

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मेरठ। देश को झकझोर देने वाले निर्भया मामले (Nirbhaya Case) में पटियाला हाउस कोर्ट (Patiala House Court) ने 22 जनवरी की सुबह सात बजे दोषियों को एक साथ फांसी की सजा (Sentence To Death) देने का फैसला सुनाया है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के हत्यारों को फांसी देने वाले जल्लाद कल्लू का पोता पवन जल्लाद (Pawan Jallad) निर्भया के दोषियों को फांसी देगा। तिहाड़ जेल (Tihar Jail) प्रशासन ने इसकी पुष्टि किए जाने के बाद मेरठ जिला जेल प्रशासन ने पवन जल्लाद के शहर से बाहर जाने पर रोक लगा दी है।
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मूल रूप से मेरठ की हापुड़ रोड स्थित कांशीराम आवासीय कालोनी के रहने वाले पवन जल्लाद चौथी पीढ़ी है, जो अपराधियों को फांसी पर लटकाएगी। पवन जल्लाद के परदादा लक्ष्मण सबसे पहले जल्लाद के पेशे से जुड़े थे। फिर कल्लू जल्लाद ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों समेत कई अपराधियों को फांसी दी थी। इसके बाद मम्मू जल्लाद ने कई अपराधियों को फंदे से लटकाया। इसके बाद पवन जल्लाद ने यह पेशा संभाल लिया। दो साल पहले तक पूरा परिवार मेरठ के ब्रह्मपुरी के भगवतपुरा इलाके में रहता था, लेकिन बारिश में मकान गिरने के बाद परिवार कांशीराम आवासीय कालोनी में रहने लगा। पवन जल्लाद के सात बच्चे हैं, जिनमें दो बेटे और पांच बेटियां हैं। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार मेरठ उसे पांच हजार रुपये का मानदेय देता है। पवन जल्लाद ने अभी तक एक भी फांसी नहीं लगाई है।
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निर्भया के चारों दोषियों पर फैसला आने के बाद पवन जल्लाद का कहना है कि वह चारों को फांसी देने के लिए तैयार है। जैसे ही उसे सरकारी आदेश मिलेगा, वह दिल्ली के लिए रवाना हो जाएगा। पवन ने कहा कि फांसी देने के लिए पहले से तैयारियां की जाती हैं। जिस जेल में फांसी दी जाएगी, पहले रस्से और तख्त की जांच की जाएगी। जिन दोषियों को फांसी देनी है, उनका वजन लिया जाएगा। वजन के अनुसार ही रस्सा तैयार किया जाएगा। उसने बताया कि पहले उसे 16 दिसंबर को तैयार रहने को कहा गया था, लेकिन उसके बाद कोई सूचना नहीं दी गई थी।
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पवन जल्लाद का कहना है कि पांच बेटियों का पिता होने के कारण मुझे ऐसे दरिंदों को फांसी देने से बहुत सुकून मिलेगा, साथ ही उस बेटी के परिजनों को भी सुकून मिलेगा, जिसके साथ इन्होंने दरिंदगी की। इससे समाज में बड़ा संदेश जाएगा कि इस तरह के कृत्यों की सजा सिर्फ मौत है। चौधरी चरण सिंह जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक बीडी पांडेय ने कहा कि पवन कके जनपद से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई है, ताकि दिल्ली से बुलावा आने के बाद तुरंत उसे भेजा जा सके। जेल में बुलाकर उससे कुछ कागजातों पर हस्ताक्षर भी कराए गए हैं।

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