स्टाफ में मच गया हड़कंप किला परीक्षितगढ़ निवासी देवीराम की पत्नी गर्भवती थी। देवीराम मजदूरी का
काम करता है। आज सुबह देवीराम की पत्नी पिंकी को पेट में दर्द की शिकायत पर परीक्षितगढ की सीएचसी पर भर्ती कराया गया। जहां पर उसने डिलीवरी के दौरान पांच नवजात को जन्म दिया। पांच नवजात को जन्म देते देख महिला चिकित्सक और नर्सिग स्टाफ के हाथ-पांव फूल गए। पांचों नवजात में सभी लड़कियां थी। देवीराम के इससे पहले भी दो लड़कियां हैं। पांच बच्चियों के जन्म की बात जब महिला चिकित्सक ने देवीराम को बताई तो उसने सबसे पहले सभी नवजातों और अपनी पत्नी की तबियत के बारे में जानना चाहा। जन्म लेने के कुछ समय बाद नवजात बच्चों की तबियत खराब होने लगी और तीन नवजातों की कुछ समय बाद मृत्यु हो गई। चिकित्सकों ने महिला और अन्य बचे दो नवजातों को जिला अस्पताल भिजवा दिया। जहां पर दोनों नवजातों को नर्सरी में रखा गया है। वहीं महिला की हालत भी नाजुक बनी हुई है।
सीएमआे ने कहा इस बारे में जब सीएमओ डा. राजकुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि महिला के पति ने गर्भवस्था के दौरान कभी अल्ट्रासांउड नहीं कराया था। अगर अल्ट्रासांउड कराते तो बच्चों की स्थिति का पता चल सकता था। गर्भवस्था के दौरान महिला सामान्य पाई गई। जिस कारण गर्भ में पांच शिशुओं के होने का पता नहीं चल सका। उचित खानपान और गर्भ में शिशुओं की देखभाल न होने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न होती आम बात है। पांचों शिशुओं की हालत अत्यन्त कमजोर थी। जिस कारण उनमें से तीन की मौत हो गई। दो अन्य को बचाने के प्रयास किए जा रहे है। जन्म लेने वाले सभी शिशुआें का वजन मानक से बहुत कम है।