पंजाब के कल्लरखेड़ा, गुमजाल, असमानखेड़ा, पन्नीवाली, तूतवाली सहित कई गांवों के किसानों की गेहूं कम्बाइन से निकालते ही सीधा बेचने के लिए धान मंडी में लाना मजबूरी थी। अबोहर इन गांवों से 30-35 किलोमीटर दूर पड़ता है जबकि श्रीगंगानगर लगभग आधी दूर। ऐसे में काफी किसान श्रीगंगानगर की नई धान मंडी में माल ला रहे थे।
कल्लरखेड़ा में सरकारी खरीद शुरू होने से पंजाब के किसानों को सीधा लाभ होगा। एक तो खेत से ज्यादा दूर गेहूं नहीं ले जाना पड़ेगा, दूसरे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1625 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बिकेगा। श्रीगंगानगर में खरीद एजेंसी किसान की गिरदावरी, फोटो पहचान पत्र आदि की फोटो प्रति लेती है। ऐसे में पंजाब का गेहूं एमएसपी से नीचे दाम पर बिक रहा था। श्रीगंगानगर क्षेत्र के किसानों को यह लाभ होगा कि पंजाब से आवक घटने से मांग के अनुपात में भाव थोड़ा अधिक मिलने की उम्मीद रहेगी। मंडी में वाहनों की रेलमपेल भी कम होगी।
गेहूं का धीमा उठाव परेशानी का सबब श्रीगंगानगर की नई धान मंडी में गेहूं का धीमा उठाव परेशानी का सबब बना हुआ है। शनिवार को लगभग 30 टै्रक्टर ट्रालियां 10 हजार कट्टों से भी कम गेहूं उठा पाई, जबकि करीब एक लाख कट्टे मंडी परिसर में भरे हुए पड़े हैं। एफसीआई से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार शाम तक 75.04 मैट्रिक टन गेहूं का उठाव हो चुका और मंडी में 4507.08 मैट्रिक टन गेहूं अभी उठाव के इंतजार में है। इस स्थिति के कारण किसानों का माल उतरवाने में जगह की कमी का सामना करना पड़ रहा है।