कृषि अनुसंधान संस्थान ( Agricultural Research Institute ) के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एन. सुभाष ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से होकर गुजरती है। इसके अलावा राजस्थान, पश्चिम उत्तर के शेष हिस्सों में प्रगेरदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली और पंजाब आता है। इन क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून धीमी गति से आगे बढ रहा है। जिससे मानसून के धीमे रहने की संभावना है। जिस तरीके से मानसून आगे बढ़ रहा है उसके लिए विशेषताएं अनुकूल नहीं हैं। मौसम विभाग ( Indian Meteorological Department ) के अनुसार मानसूनी प्री बारिश ने जहां आम लोगों को गर्मी से राहत दी थी। वहीं अब फिर से तापमान में बढोत्तरी होने लगी है। आज सोमवार को सुबह से ही मौसम साफ रहा, सुबह आसमान में बादलों की आवाजाही रही फिर भी सूरज ने आंख दिखानी शुरू कर दी हालांकि मंद-मंद हवाओं के चलते गर्मी कुछ हद तक काबू में रही।
इन दिनों में मौसम खेती के अनुकूल है। दो दिन पहले हुई बारिश और आसमान में बादल देख किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। बारिश के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक भी कम होकर 30 तक पहुंच गया था। जो कि अब बढ़ने लगा है। गत चार दिनों से आसमान पर मानसूनी बादलों ने डेरा जमाया हुआ था। शनिवार सुबह झमाझम बारिश हुई, लेकिन फिर बादल छंट गए और तेज धूप निकल आई। दोपहर बाद फिर से आसमान पर काले बदरा छा गए और फिर झमाझम बारिश शुरू हो गई।