scriptनोटबंदी और जीएसटी से कंगाल हुआ यह करोड़पति, इतनी बुरी हालत तो सोची भी न थी | Modi government notebandi and GST affect on Meerut hotel | Patrika News
मेरठ

नोटबंदी और जीएसटी से कंगाल हुआ यह करोड़पति, इतनी बुरी हालत तो सोची भी न थी

होटल की मासिक आमदनी लगातार घटने से कर्ज देने वालों को बढ़ गए थे तकादे

मेरठSep 22, 2018 / 10:07 am

sanjay sharma

meerut

नोटबंदी और जीएसटी से कंगाल हुआ यह करोड़पति, इतनी बुरी हालत तो सोची भी न थी

मेरठ। आठ नवंबर 2016 को मोदी सरकार की नोटबंदी का असर अब देखने को मिल रहा है। नोटबंदी के कारण आए घाटे के कारण मेरठ का नामी होटल कर्ज में डूबता चला गया आैर रही-सही कसर जीएसटी ने पूरी कर दी। नतीजा यह हुआ कि पूरे परिवार पर इतना कर्ज बढ़ गया था आैर बैंकों समेत कर्जा देने वालों के तकादे से तंग आकर इस नामी होटल के शहर में शुरू से रसूख रखने वाले परिवार को रातोंरात शहर छोड़ना पड़ गया। अब गुपचुप तरीके से होटल मालिक को अपना यह होटल दूसरे को बेचना पड़ा। इसकी कर्इ बार बोलियां लगी। आखिरकार यह होटल व्यापारी नेता नवीन अरोड़ा के साथ अमित चांदाना, राजेश मिगलानी व राजेश जुनेजा का हो गया है। इन्होंने इसे 22.50 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। होटल मालिक ‘हारमनी इन’ के पुराने मालिक ताराचंद पुरी व उनके इकलौते बेटे हिमांशु पुरी समेत पूरा परिवार सदमे में हैं आैर कर्ज नहीं दे पाने के कारण सदस्य अलग-अलग रह रहे हैं। पुरी परिवार पर करीब 100 करोड़ का कर्ज बताया गया है।
यह भी पढ़ेंः मेरठ का ‘नीरव मोदी’ भी आया सामने, 100 करोड़ कर्ज सिर पर…आैर गायब!

होटल ‘हारमनी इन’ की दर्दनाक कहानी

होटल ‘हारमनी इन’ की शुरुआत करीब दस साल पहले हुर्इ थी। उससे पहले ताराचंद पुरी का गढ़ रोड पर पुरी पेट्रोल पंप था, जिसका शहर में नाम था। बेटे हिमांशु पुरी ने गुड़गांव में पब खोलने के बाद पिता की मदद से मेरठ में होटल ‘हारमनी इन’ की नींव रखी थी। होटल खुलते ही यह शहर के नामी होटलों में शुमार हो गया। बताते हैं कि दो साल पहले तक होटल ‘हारमनी इन’ का मासिक खर्च करीब 25 लाख रुपये तक का था, लेकिन होटल अच्छा चल रहा था तो उसकी मासिक आमदनी 30 से 35 लाख रुपये तक होती थी। बैंकों को किश्तें भी आराम से निकल रही थी, लेकिन आठ नवंबर 2016 के बाद से होटल ‘हारमनी इन’ की आमदनी पर ब्रेक लगना शुरू हो गया, जब नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी कर दी। बताते हैं कि उसी महीने से होटल ‘हारमनी इन’ पर असर पड़ने लगा। जीएसटी ने रही-सही कसर पूरी कर दी। बताते हैं कि होटल की आमदनी एकदम गिर गर्इ आैर यह 15-20 लाख रुपये तक आ गर्इ। बैंकों व अन्य कर्जदारों को लोन की जो किश्तें हर महीने जाती थी, वे रुकने लगी। इसके अलावा हाइवे पर बार बंद होने के कारण होटल कर्ज में घिर गया। कर्ज देने वालों के तकादे लगातार बढ़ते जा रहे थे। होटल के खर्चे आैर स्टाफ की सेलेरी देने तक के लाले पड़ने लगे। एेसे में होटल ‘हारमनी इन’ का पूरा परिवार इसी साल छह मार्च की रात को अपनी कोठी पर नौकर छोड़कर शहर छोड़ गया।
यह भी पढ़ेंः मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में अब तक ये सबूत मिले, अब इस एंगल पर काम कर रही पुलिस

दोस्तों ने बताया परिवार के बारे में

पुरी परिवार के नजदीकी मित्रों की मानें तो परिवार के सारे सदस्य अलग-अलग स्थानों पर हैं। हिमांशु कर्जे के कारण मानसिक बीमारी के शिकंजे में हैं तो पिता ताराचंद पुरी ने अपने होटल को नवीन अरोड़ा व अन्य को बेचने की प्रक्रिया पूरी की। बताते हैं कि इसको लेकर ताराचंद पुरी आैर होटल के नए मालिकों की आपस में कर्इ बार गुपचुप बैठकें हुर्इ। तब जाकर यह डील हुर्इ। होटल के करीब 22.50 करोड़ रुपये में बिकने के अलावा भी पुरी परिवार पर कर्ज है। हालांकि अन्य कर्ज को लेकर भी होटल के पुराने व नए मालिक में समझौता होेने की बात सामने आ रही है।

Hindi News / Meerut / नोटबंदी और जीएसटी से कंगाल हुआ यह करोड़पति, इतनी बुरी हालत तो सोची भी न थी

ट्रेंडिंग वीडियो