साक्षी मलिक और पीवी संधु है रूपल के आइडल
एथलीट रूपल चौधरी के आइडल साक्षी मलिक और पीवी संधु हैं। रूपल के पिता बताते हैं कि उनकी बेटी जब भी समाचार पत्र देखती थी तो साक्षी मलिक और पीवी संधु की न्यूज अधिक पढ़ती थी। उस समय इन दोनों का क्रेज अधिक था। रूपल की मां कहती हैं कि ग्रामीण परिवेश होने के कारण वो नहीं चाहते थे कि उकनी बेटी खेलने के लिए बाहर जाए। इसी जिद में रूपल ने तीन दिन खाना नहीं खाया तो इसके बार उन्होंने अपने पति को मनाया और बेटी के हौसलों केा उड़ान भरने में मदद की। ओमवीर सिंह कहते हैं कि जब वो 2017 में पहली बार रूपल चौधरी को बाइक में बैठाकर मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में कोच दंपती विशाल और अमिता सक्सेना के पास ले गए तो उस दिन उन्हें खुद ऐसा लग रहा था कि बेटी क्या अपने मकसद में कामयाब होगी। लेकिन उसके बाद बेटी रूपल आगे बढ़ती चली गई।
मेरठ की बेटी रूपल ने रजत के बाद कास्य पदक भी झटका, एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
खेती के साथ बढ़ी बेटी को प्रैक्टिस तक छोड़ने की जिम्मेदारी
रूपल के पिता ने कहा कि सुबह चार बजे जब वो खेत पर जाने के लिए उठते थे उसी दौरान बेटी भी उठ जाती थी। वो बाइक से प्रतिदिन मेरठ स्टेडियम 15 किमी का सफर तय कर उसको छोड़ने आते थे। रूपल चौधरी ने पांच वर्ष तक जी जोड़ मेहनत की। उसने ना तो दिन देखा और ना भूख प्यास। इसी का नतीजा है कि आज मेरठ की रूपल ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय दौरे में दो मेडल जीत खुद को साबित कर दिया है। कोलंबिया में आयोजित अंडर-20 जूनियर विश्व एथलेटिक्स चौंपियनशिप में 400 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक झटका है। वहीं 4×400 मीटर स्पर्धा में भी रजत पदक जीता है। उनके सामने 4×400 मीटर बालिका वर्ग स्पर्धा में एक और पदक पाने का मौका है।