पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के बन जाने से सोनीपत से पलवल की दूरी मात्र 90 मिनट में तय होगी। 135 किमी लंबे इस एक्सप्रेस वे को दोनों तरफ से छह लाइन का बनाया गया है। पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है और करीब 80 प्रतिशत कार्य पूरा भी हो चुका है। बाकी कार्य जल्द पूरा होने के बाद इस पर जल्द ही वाहन फर्राटा भरेंगे। उम्मीद है कि मई तक दुहाई तक एक्सप्रेस-वे को यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा। मेरठ-दिल्ली मार्ग स्थित दुहाई से इस एक्सप्रेस-वे पर मेरठ के यात्री चढ़ सकेंगे और पलवल या फिर सोनीपत जा सकेंगे।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर ओवरलोड वाहनों की नो एंट्री होगी। एक्सप्रेस-वे पर एक्जिट और इन होने के द्वारों पर हाइट गेट लगाए गए हैं। जिनके अंदर से ओवरलोड वाहन निकल ही नहीं पाएंगे। 135 किमी लंबे इस पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर छह निकास और प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इन प्रवेश द्वारों पर ही हाइट गेट लगाए गए हैं। एक बार एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने के बाद दूसरे निकास द्वार पर ही आप उससे निकल पाएंगे। उससे पहले निकलने का कोइ रास्ता नहीं बनाया गया है।
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद मेरठ के यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा। हरियाणा जाने के लिए मेरठ के यात्रियों को बागपत या फिर दिल्ली होकर जाना पड़ता था। जिस कारण काफी समय तो नष्ट होता ही था साथ ही जाम के कारण परेशानी भी उठानी पड़ती थी, लेकिन इस एक्सप्रेस-वे से जाम और समय के नष्ट होने के झंझटों से छुटकारा मिल जाएगा।