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मेरठ

पिछले दस वर्षों में वेस्ट यूपी की यह सबसे बड़ी आग, फायर ब्रिगेड भी कम पड़ गर्इ

किनौनी शुगर मिल की डिस्टलरी में आग 20 घंटे बाद भी नहीं बुझी
 

मेरठMay 27, 2018 / 11:47 am

sanjay sharma

meerut

पिछले दस वर्षों में वेस्ट यूपी की यह सबसे बड़ी आग, फायर ब्रिगेड भी कम पड़ गर्इ

मेरठ। किनौनी शुगर मिल के अल्कोहल के टैंकों में लगी आग रविवार की सुबह तक भी धधक रही थी। हालात यह थे कि आग बुझाने वाले अग्निशमन कर्मचारी असहाय होकर धधकती आग को देख रहे थे और आग विकराल रूप लेती जा रही थी। अग्निशमन विभाग की मानें तो वेस्ट यूपी में पिछले 10 वर्षों में में इससे बड़ी आग कभी नहीं लगी। इससे पहले मेरठ में ही विक्टोरियां पार्क में लगे ट्रेड फेयर में आग लगी थी। इसमें 65 लोग मौत के मुंह में समा गए थे आैर इसमें 81 लोग बुरी तरह झुलस गए थे। विक्टोरिया पार्क में लगी आग से मेरठ के प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया और अब मेरठ की ही किनौनी शुगर मिल में आग ने अपना विकराल रूप दिखा दिया। शनिवार दोपहर डेढ़ बजे लगी आग रविवार को भी काबू में आ जाए इस पर संदेह है। एल्कोहल के टैंकों में लगी आग पर पानी बेअसर हो रहा है। फोम फायर टेंडर के नाम पर एकमात्र टेंडर नोएडा से मंगाया गया है। जो इस आग को बुझाने के लिए नाकाफी है।
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मिल के भीतर लापरवाही हुई उजागर

मिल की डिस्टलरी यूनिट में अल्कोहल के टैंक पर भी मिल प्रबंधन ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे। जिस कारण आग ने इतना विकराल रूप धारण किया। मिल परिसर में अल्कोहल के आठ टैंक हैं। जिनकी क्षमता 10000 लाख लीटर अल्कोहल रखने की है। इस पूरी यूनिट में सौ से अधिक लोग काम करते हैं। मिल के भीतर भी आग से निपटने के उपकरण एक्सपाइरी डेट के थे। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण सेवाराम ने बताया कि आग को शुरू में हल्के में लिया गया, जिस कारण इतना बड़ा हादसा हुआ है। किनौनी गांव के ग्रामीणों को गांव खाली करने के आदेश दिए गए हैं।
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आठ जिलों की गाड़ियां और 300 टैंक पानी भी बेअसर

आग पर काबू पाने के लिए आठ जिलों की फायर बिग्रेड गाड़ियां और उन गाड़ियों का करीब 300 टैंक पानी भी आग पर बेअसर साबित हुआ। आग बुझाने के लिए हाइडोलिक लिफ्ट का भी प्रयोग किया गया, लेकिन अल्कोहल में लगी आग का तापमान करीब 300 डिग्री होने के कारण लिफ्ट से वहां तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था।
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प्रशासन ने की मुआवजे की घोषणा

किनौनी शुगर मिल अग्निकांड हादसे में मारे गए मोनू के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक मदद और झुलसे हुए लोगों को दो लाख रुपये की मदद प्रशासन की ओर से की गई है। मिल प्रबंधन की ओर से मृतक के परिवार को तीन लाख रूपये और झुलसे लोगों को एक लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है।

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