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पुलिसकर्मियों को कार में लेकर भागने लगा आरोपी, पढ़िए यह रोचक घटना मिल के भीतर लापरवाही हुई उजागर मिल की डिस्टलरी यूनिट में अल्कोहल के टैंक पर भी मिल प्रबंधन ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे। जिस कारण आग ने इतना विकराल रूप धारण किया। मिल परिसर में अल्कोहल के आठ टैंक हैं। जिनकी क्षमता 10000 लाख लीटर अल्कोहल रखने की है। इस पूरी यूनिट में सौ से अधिक लोग काम करते हैं। मिल के भीतर भी आग से निपटने के उपकरण एक्सपाइरी डेट के थे। प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीण सेवाराम ने बताया कि आग को शुरू में हल्के में लिया गया, जिस कारण इतना बड़ा हादसा हुआ है। किनौनी गांव के ग्रामीणों को गांव खाली करने के आदेश दिए गए हैं।
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यूपी के इस शहर में पुरुष नहीं महिलाएं हैं शराब माफिया, इनके इशारे में चल रहा जोरों का धंधा! आठ जिलों की गाड़ियां और 300 टैंक पानी भी बेअसर आग पर काबू पाने के लिए आठ जिलों की फायर बिग्रेड गाड़ियां और उन गाड़ियों का करीब 300 टैंक पानी भी आग पर बेअसर साबित हुआ। आग बुझाने के लिए हाइडोलिक लिफ्ट का भी प्रयोग किया गया, लेकिन अल्कोहल में लगी आग का तापमान करीब 300 डिग्री होने के कारण लिफ्ट से वहां तक पहुंचना मुश्किल हो रहा था।
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मंत्र प्रशासन ने की मुआवजे की घोषणा किनौनी शुगर मिल अग्निकांड हादसे में मारे गए मोनू के परिजनों को पांच लाख की आर्थिक मदद और झुलसे हुए लोगों को दो लाख रुपये की मदद प्रशासन की ओर से की गई है। मिल प्रबंधन की ओर से मृतक के परिवार को तीन लाख रूपये और झुलसे लोगों को एक लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है।