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मेरठ

Akshaya Tritiya 2020: लाॅकडाउन में इस शुभ मुहूर्त पर नहीं हो रही इतनी शादियां, हुआ करोड़ों का नुकसान

Highlights

अक्षय तृतीया के दिन होनी थी मेरठ में 1500 शाादियां
सूने पड़े बैंकट हाल और घर बैठे हलवाई- बैंड वाले
सभी मंडपों की बुकिंग हुई कैंसिल, 10 करोड की चपत

 

मेरठApr 25, 2020 / 05:47 pm

sanjay sharma

meerut
मेरठ। कोरोना वायरस से हुए लॉकडाउन में हर क्षेत्र में नुकसान हुआ है। अब 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर शादियां नहीं होने से सूनापन रहेगा। इस बार न तो मंडपों के भीतर सजावट होगी और न ही मंडपों के बाहर बैडबाजों की धुन पर बारातियों के नाचने का माहौल। सब कुछ कोरोना की भेंट चढ़ गया है। शादियों की तैयारियां कई महीने पहले चली आ रही थी, लेकिन 22 मार्च को लॉकडाउन के बाद से जब जगह सन्नाटा पसर गया है। जनपद में करीब 1500 शादियां अक्षय तृतीया पर होनी थी। मेरठ जनपद रजिस्टर्ड मंडपों में 550 शादियां कैंसिल हो गई हैं। साथ ही छोटे मंडप, स्कूलों, धर्मशाला समेत अन्य शादियां भी तय तारीख पर नहीं हो पा रही हैं। आज हालात यह हैं कि बैंडबाजे और हलवाई का काम करने वाले घर बैठे हैं। अक्षय तृतीया पर सबकुछ धरा रह गया।
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मंडप, बैंड, हलवाई और टैंट उद्योग को झटका

मंडप एसोसिएशन के महामंत्री विपुल सिंघल का कहना है कि मेरठ में रजिस्ट्रर्ड मंडपों की संख्या 550 है। वहीं छोटे मोटे मिलाकर करीब 1500 के आसपास हो जाते हैं। मेरठ में 300 बैंड वाले हैं और 500 के आसपास हलवाई हैं, जो कि सीधे मंडप एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं। अप्रैल, मई और जून के महीनों में इन लोगों को शादी-ब्याह के काम से बिल्कुल फुर्सत नहीं मिलती। अक्षय तृतीया पर हालात ये होते हैं कि हलवाइयों को कई बुकिंग कैंसिल करनी पड़ती है। हलवाई का काम करने वाले खेमा हलवाई ने बताया कि उनके पास अकेले अक्षय तृतीया की 10 बुकिंग थी। इनमें से तीन तो नवंबर 2019 में ही आ गई थी। बाकी उनके पास जनवरी और फरवरी माह में आई। अब सब कैसिंल करनी पड़ी। राजू बैंड के राजेश ने बताया कि इन दिनों में वे लोग एक दिन में 3 शिफ्टों में काम करते हैं। बैंड बजाने के लिए लोगों को बाहर से बुलाना पड़ता था। इस बार सब ठप हो गया है। जिले में 275 टैंट वालों का धंधा भी बिल्कुल लॉक हो गया है।
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कपड़े, ज्वैलरी, फर्नीचर बाजार पर असर

अप्रैल के पहले सप्ताह से ही शादी की तैयारियां शुरू हो जाती थी। लोग कपड़े, ज्वैलरी और फर्नीचर का सामान खरीदने के लिए बाजार की ओर रूख करते थे। शादी के सीजन में इन व्यापारियों को भी मोटी आमदनी होती थी। इस बार इन व्यापार को भी करीब 30 लाख का झटका कोरोना ने दिया है।
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अक्षय तृतीया पर होती हैं अधिक शादियां

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया को विवाह के लिए स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त माना जाता है। अक्षय तृतीया साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक है। इस दिन को इतना ज्यादा शुभ माना जाता है कि इस दिन बिना ज्योतिषीय परामर्श के भी विवाह संपन्न कराए जाते हैं। भविष्य पुराण में इस बात का जिक्र मिलता है कि अक्षय तृतीया के दिन से ही सतयुग और त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। लॉकडाउन की वजह से भारत में यह पहली अक्षय तृतीया है जब विवाह नहीं होंगे। वैवाहिक कार्यक्रम रद्ध कर दिए गए हैं।

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