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पलायन मुद्दा और जुलूस के दौरान बवाल बने इन पुलिस अफसरों के हटने की वजह अफसरों ने निकाला फ्लैग मार्च मेरठ आईजी और एसएसपी पर सरकार की गाज गिरने के बाद अधिकारी और अधिक सतर्क हो गए हैं। अधिकारी एसी से निकलकर अब सड़कों पर आ गए हैं। सरकार के तेवर अधिकारियों ने सुस्ती तोड़ दी है। मेरठ में मंगलवार को संवेदनशील स्थानों से फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च की शुरूआत महानगर के घंटाघर से हुई। इसके बाद यह महानगर प्रमुख मोहल्लों और संवेदनशील स्थानों से होता हुआ वापस बेगमपुल पर पहुंचा। फ्लैग मार्च में आरएएफ के पुरूष और महिला जवान शामिल थे। कई ब्रज वाहन भी फ्लैग मार्च में चल रहे थे। फ्लैग मार्च में कई थानों का फोर्स भी शामिल किया गया था। सबसे आगे अधिकारियों की गाड़ियां चल रही थी। उसके बाद विभिन्न सर्किल के सीओ और पीछे थानेदारों की गाड़ियां चल रही थी। पीएसी के अधिकारी भी फ्लैग मार्च में शामिल थे।
यह भी पढ़ेंः मेरठ समेत वेस्ट यूपी के इन जिलों में दो अप्रैल जैसी हिंसा फैलाने की थी साजिश, देखें वीडियो ‘दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा’ जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि आज फ्लैग मार्च महानगर के विभिन्न इलाकों भगत सिंह मार्केट, हापुड़ अड्डा, इंदिरा चौक, बच्चा पार्क, बुढ़ाना गेट होते हुए बेगमपुल तक पहुंचा। उसके बाद सदर के विभिन्न हिस्सों से होता हुआ कमिश्नरी पर खत्म हुआ। उन्होंने कहा कि महानगर में इस समय शांति है। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। जो ऐसा करेगा उससे सख्ती से निपटा जाएगा। डीएम ढींगरा ने कहा कि रविवार को हुए बवाल के बाद जिन लोगों ने अराजकता की है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जो लोग इसमें शामिल थे, उनके खिलाफ मुकदमे लिखे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसी निर्दोष को इस मामले में नहीं फंसाया जाएगा और किसी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा।
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