खुशखबरीः लोकसभा चुनाव से पहले सीएम योगी देंगे प्रदेश की जनता को बड़ा तोहफा दरअसल, सारा मामला होमगार्ड विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर है। जहां हाल ही में एक होमगार्ड की शिकायत पर एंटीकरप्शन टीम ने छापा मारा था और एक बाबू को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। जबकि मुख्य आरोपी प्रवीण वहां से दीवार फांदकर भागने में सफल हो गया। मामले की गूंज लखनऊ तक पहुंची तो होमगार्ड मुख्यालय से संज्ञान लिया गया और संयुक्त महानिदेशक शरत चंद त्रिपाठी ने मामले की जांच होमगार्ड पश्चिमी क्षेत्र की डिप्टी कामांडेंट जनरल रजनी उपाध्याय को साैंप दी। इसके बाद शनिवार को रजनी उपाध्याय जांच के लिए बागपत होमगार्ड कार्यालय पहुंची और मामले की जानकारी ली। इसी दौरान दो होमगार्ड अपनी शिकायत लेकर कार्यालय पहुंचे और डीआईजी से मिलने का प्रयास किया, लेकिन जांच के लिए कार्यालय पहुंची अधिकारी रजनी उपाध्याय ने पीड़ितों से मिलना मुनासिब नहीं समझा और पीड़ितों को कार्यालय से चलता कर दिया गया।
रालोद प्रमुख अजित सिंह इस हॉट सीट से होंगे महागठबंधन के प्रत्याशी, भाजपा में खलबली एक होमगार्ड प्रमोद कुमार ने आरोप लगाएं हैं कि उस पर झूठे आरोप लगाकर उसको सस्पेड कर दिया गया और अब वह अपनी बहाली को लेकर जब कार्यालय आया तो उससे 50 हजार की मांग की जा रही है। वहीं दूसरे होमगार्ड के परिजन भी उनसे मिलने के लिए पहुंचे तो उन्होंने भी पैसे मांगने के आरोप लगाए और जांच के लिए आई अधिकारी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। पीड़ित महिला का कहना था कि जांच के लिए अधिकारी आए हैं, लेकिन उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात करना भी मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी अपने डिपार्टमेंट के लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। जांच के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। वहीं जब होमगार्ड डिपार्टमेंट में फैले भ्रष्टाचार को लेकर डीआईजी रजनी उपाध्याय से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने मीडिया से दूरी बनायी और हाथ जोड़ लिए। मौके की पड़ताल देखकर विभागीय अधिकारी सवालों के घेरे में हैं, लेकिन देखने वाली बात यह होगी की भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सफलता के झंडे गाड़ने वाली भाजपा सरकार होमगार्ड कार्यालय में रिश्वत लेने वालों से किस तरह पेश आएगी।