उन्होंने पत्र में कहा है कि प्रदेश में कई जिलों में कोरोना संक्रमण के चलते कई जजेस अधिवक्ताओं की असमय मृत्यु हो गई है। इसका कारण उनका समय से इलाज न मिलना भी रहा है। दिल्ली की तर्ज पर यूपी में भी अब अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों के लिए अस्पतालों में बेड रिजर्व किए जाएं। उन्होंने हर जिले में 50 बेड अधिवक्ताओं और न्यायिक पदों से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए रिजर्व किए जाने की मांग की है जिससे कि उनका जीवन बचाया जा सके।
पत्र में उन्हाेंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में ऑक्सीजन और अस्पतालों में बेड की कमी है जिसके चलते कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। बड़ी संख्या अधिवक्ताओं और उनके परिवार वाले भी शामिल हैं। उन्होंने कुछ जजेस के जीवन पर भी संकट की की बात कही। उनका कहना है कि
मुख्यमंत्री से उन्हें पूरी उम्मीद है कि अधिवक्ताओं और जजेज के लिए कोई ठोस व्यवस्था वे करेंगे।