लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय सेवाओं में जाट आरक्षण का मुद्दा पश्चिम उत्तर प्रदेश में गरमाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए अखिल भारतीय जाट महासभा 24 सितंबर को मेरठ में बड़ा सम्मेलन की तैयारी में है। जाट सम्मेलन इसलिए भी अहम माना जा रहा है कि 1 अक्तूबर को जाट संसद प्रस्तावित है। इसमें आरक्षण का मुद्दा शामिल नहीं होने से जाट महासभा ने उससे पहले सम्मेलन बुलाया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रमुख केंद्र जाट समाज मेरठ से अपने समाज की राजनीति दशा और दिशा तय करने जा रहा है। इसके लिए एक अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में कला, राजनीति, साहित्य, शिक्षा, रोजगार, संस्कृति, सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर गहन चर्चा होगी।
इस जाट संसद में उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर सहित देश के अन्य राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि से जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ जाट समाज के लोग इस अधिवेशन का हिस्सा बनेंगे।
अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रताप चौधरी के नेतृत्व में जाट समाज के लोग जाट बाहुल्य गांव में जाकर जनसंपर्क कर रहे हैं। जाट महासभा के लोग पथौली, दबुथवा, मीरपुर, सरूरपुर, रोहटा और भदौड़ा आदि गांव के लोगों से जाट आरक्षण सम्मेलन का हिस्सा बनने की अपील कर रहे हैं।
राष्ट्रीय लोकदल के वरिष्ठ नेता डॉ. राजकुमार सांगवान अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी के साथ जनसंपर्क में जुटे हुए हैं। डॉ. राजकुमार सांगवान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए कि केंद्र सरकार जाट समाज की अनदेखी कर रही है। चौधरी अजित सिंह के प्रयासों से जाट समाज को केंद्र में आरक्षण मिला था। जिसे साजिश के तहत, भेदभाव पूर्ण सोच के चलते भाजपा सरकार ने ख़त्म कराया है। उन्होंने कहा कि आज जाट समाज के युवाओं को केंद्र सरकार की नौकरियों में आरक्षण जरूरी है। इसके चलते आगामी 24 सितंबर को खिर्वा रोड स्थित शगुन फार्म में अखिल भारतीय जाट महासभा का प्रांतीय सम्मेलन प्रस्तावित है।
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इंजीनियर सत्येंद्र चौधरी ने लोगों से अपील की गई कि इस सम्मेलन में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर सत्ता के नशे में चूर इस अहंकारी सरकार को अपनी ताकत का एहसास कराना आवश्यक है। जाट संसद से पहले जाट आरक्षण सम्मेलन में रालोद नेताओं का उतरना और भाजपा सरकार की नीतियों के विरोध में अधिवेशन को सफल बनाने के लिए एक नया सियासी संदेश मेरठ से देने की तैयारी हो गई है।