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बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगा ब्रेक, लोगों को मिली राहत, आज रहा ये भाव देवरानी की हो गर्इ थी मृत्यु झुलसे दंपती को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान शशि की मृत्यु हो गई थी। पुलिस ने जांच के बाद हत्या व जानलेवा हमले का आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। सात साल की लंबी अवधि में मुकदमा चला। इस दौरान वादी पर समझौते का भी दबाव डाला गया, लेकिन उसने समझौता करने से मना कर दिया। मेरठ में एडीजे विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गुलाम उल मदार ने देवरानी की हत्या में जेठानी को हत्या व जानलेवा हमले का दोषी पाते हुए निशा को उम्रकैद और दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। सरकारी वकील शुची शर्मा ने बताया कि एडीजे विशेष न्यायाधीश मोहम्मद गुलाम उल मदार ने शशि की हत्या का दोषी पाते हुए जेठानी निशा उर्फ सरोज को सजा सुनाई। वहीं आरोपी नेपाल की मृत्यु हो चुकी है। शशि के पति की भी मौत हो चुकी है।
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इस चुनाव से पहले भाजपा के भीतर गुटबाजी आयी सामने, सांसद आैर विधायक खेमे में मची हलचल, देखें वीडियो गांव में चर्चा का विषय बना फैसला दंपती से कोई संतान न होने पर अर्थदंड की राशि राजकीय कोष में जमा कराई जाएगी। सरकारी अधिवक्ता शुची ने बताया कि यह फैसला समाज के लिए एक नाजीर है। अक्सर घर परिवार के झगड़ों में इस तरह की वारदातें हो जाती हैं। जिसके अंजाम के बारे में नहीं सोचा जाता। उन्होंने कहा कि अरोपित को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लेकर जेल भेज दिया है। वहीं फैसला गांव में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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