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कोरोना की वैक्सीन खरीदकर लगवाई जा सकेगी। निजी अस्पताल कंपनियाें से सीधे स्पूतनिक, कोविशील्ड और कोवैक्सीन मंगा सकेंगे। निजी अस्पतालों में एक डोज के 850 रुपए देने होंगे। यानी दो डोज के 17 सौ रुपये लगेंगे। मेरठ के कई अस्पतालों ने तो कोविशील्ड के लिए कंपनी को ऑर्डर भी दे दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों को कोरोना से बचाव की वैक्सीन देनी बंद कर दी है। अब प्राइवेट अस्पतालों को वैक्सीन सीधे कंपनी या थोक में वैक्सीन बेचने वाले दुकानदारों से खरीदनी पड़ेगी। दुकानदारों का कहना है कि निजी क्षेत्र में कोरोना से बचाव की वैक्सीन जून में आने की उम्मीद है।
गौरतलब हो कि 16 जनवरी को
कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण महाअभियान शुरू किया गया था। पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन लगाई गई थी। इसके बाद बुजुर्गों और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के बीमार लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी। इस बीच लोगों की सहूलियत के लिए शासन ने कुछ प्राइवेट अस्पतालों में भी टीकाकरण की व्यवस्था करा दी गई थी। उस दौरान प्राइवेट अस्पतालों में प्रति वैक्सीन 250 रुपए निर्धारित किए गए थे। बाद में वैक्सीन कमी हुई तो इसकी संख्या कम कर दी गई। अब प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने की प्रक्रिया को पूरी तरह रोक दिया गया है।
मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी
डाॅ. अखिलेश मोहन ने बताया कि आने वाले दिनों में प्राइवेट अस्पताल संचालक कंपनियों से सीधे संपर्क कर वैक्सीन मंगवा सकते हैं। वैक्सीनेशन की पूरी व्यवस्था पर स्वास्थ्य विभाग की नजर रहेगी। सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण और तेज किया जा रहा है।
स्पूतनिक भी आएगी मेरठ ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष
रजनीश कौशल ने बताया कि जून में कोविशील्ड और कोवैक्सीन के साथ ही रूस में निर्मित स्पूतनिक वैक्सीन भी आने की उम्मीद है। जिले में वैक्सीन रखने के लिए दवा व्यापारियों के पास पर्याप्त जगह है। साथ ही कोल्ड चेन मेंटेन करने की भी अच्छी व्यवस्था है। स्पूतनिक टीके की एक डोज की कीमत जीएसटी सहित 995 रुपये है।