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VIDEO: बारात में आए युवक को गोली मारी, अपने ससुर पर लगाए ये आरोप यह है पूरा मामला कैंट बोर्ड द्वारा संचालित कैंट अस्पताल में 2011 में हुए दवा खरीद टेंडर में अस्पताल की पूर्व चिकित्सा अधिकारी अनुराधा गुप्ता द्वारा फर्जीवाड़े की शिकायत सीबीआर्इ से की गर्इ थी। इसके बाद सीबीआर्इ की गाजियाबाद की टीम ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में शिकायत के बिल्कुल उलट का मामला पता चला। इसके बाद पिछले साल कैंट बोर्ड के तत्कालीन सीर्इआे की गैरमौजूदगी में टेंडर खोलने का मामला सामने आया तो सीबीआर्इ ने कार्यालय अधीक्षक एमए जफर, चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक व फार्मेसिस्ट सुशील के खिलाफ फर्जीवाड़े में संलिप्तता पर केस दर्ज करने की मांग की गर्इ थी। कैंट बोर्ड की बैठक में सीबीआर्इ की मांग को खारिज करते हुए अपनी तीन सदस्यीय जांच समिति गठित करने का फैसला किया था।
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प्रेमी के साथ मिलकर की इंजीनियर पति की हत्या, जब खुला राज तो पुलिस अफसर भी रह गए हैरान, देखें वीडियाे अचानक बोर्ड आफिस पहुंची सीबीआर्इ टीम बताते हैं कि शनिवार को सीबीआर्इ टीम अचानक दोपहर बारह बजे कैंट बोर्ड आफिस पहुंची थी। सीबीआर्इ टीम ने पहुंचने के बाद कैंट अस्पताल से चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक व सुशील को भी वहीं इस बात पर बुलवा लिया कि कैंट अस्पताल में लगे एक कमरे में लगार्इ गर्इ सील के बारे में बात करनी है। बताते हैं कि कार्यालय अधीक्षक एमए जफर आफिस में ही थे। कुछ देर बाद सीबीआर्इ टीम के कुछ आैर लोग बोर्ड आफिस पहुंच गए। इसकी भनक लगते ही कार्यालय अधीक्षक ने बहाना बनाकर वहां से दौड़ लगा दी। इसके बाद सीबीआर्इ टीम ने चिकित्सा अधिकारी डा. आराधना पाठक, फार्मेसिस्ट सुशील व एक अन्य को हिरासत में ले लिया। इसके बाद आफिस में अफरातफरी मच गर्इ। कैंट बोर्ड के अफसरों व कर्मचारियों ने बोर्ड द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही तो सीबीआर्इ टीम का नेतृत्व कर रहे नीलभ आेझा ने कहा कि सीबीआर्इ का दायरा बहुत बड़ा होता है, इसलिए उनकी कार्रवार्इ के बीच में नहीं आएं। बाद में सीबीआर्इ टीम ने फरार कार्यालय अधीक्षक एमए जफर के अलग-अलग पते पर काफी ढूंढ़ा, लेकिन कोर्इ सुराग नहीं लग सका। सीबीआर्इ टीम तीनों को हिरासत में लेकर गाजियाबाद रवाना हो गर्इ।