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मेरठ में सिपाहियों को गोली मारकर भाग रहे दो इनामी बदमाश मुठभेड़ में ढेर हस्तिनापुर के तारापुर गांव में निवासी अजय कुमार ने बताया कि उसकी मेसर्स अजय कुमार पावर कंस्ट्रक्शन के नाम से फर्म है। वह उर्जा निगम में ठेकेदारी कर रहा है। पिछले दिनों उनके पास वस्तु एवं सेवा कर लेखा परीक्षा आयुक्तालय मेरठ से पत्र गया था। जिसमें फर्म के आॅडिट करने की बात कही गई थी। आडिट करने के लिए वकील के जरिए उनके पास फाइल भेजी गई थी। बाद में विभाग की ओर से भी फोन आया कि कागजों में कमी है। उसे बताया गया कि चार साल से उसने आडिट नहीं कराया है। उसे कुल आठ लाख रुपये जुर्माना देना होगा। ठेकेदार अजय कुमार ने बताया कि उसने कार्यालय अधीक्षक विकास कुमार से बात की और मामला पांच रुपये केे लेन-देन पर सेट हुआ था। बुधवार को ठेकेदार ने सीबीआई केे गाजियाबाद स्थित कार्यालय पर संपर्क किया और रिश्वत लिए जाने की शिकायत की।
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अफसरों ने आदेश नहीं माने तो डीएम ने लिया ये कड़ा एक्शन सीबीआई की 10 लोगों की टीम दो गाड़ियों में गुरुवार सुबह मेरठ आ गई और जली कोठी क्षेत्र में आफिस में जाल बिछाया। शाम करीब पांच बजे अजय को तीन लाख रुपये लेकर रिश्वत देने के लिए प्रथम तल पर सीजीएसटी के ऑडिट कार्यालय भेजा गया। रुपये देकर अजय वापस आए और सीबीआई को इसकी सूचना दी।
इसके बाद सीबीआई टीम ने कार्यालय में छापेमारी कर विकास कुमार को पकड़ लिया। उसने रिश्वत लेने से इंकार किया तो टीम ने वीडियो कैमरे का सामने उसके हाथ पानी में डलवाए तो उसके हाथों पर लगा रंग पानी में घुल गया। उनकी निशानदेही पर बाथरूम में लगे बिजली के स्विच बोर्ड के पीछे से रिश्वत की रकम बरामद कर ली। देर रात तक आरोपी से दफ्तर में ही पूछताछ की गई। सीबीआई टीम ने आरोपी की पत्नी को भी दफ्तर बुलाया और बाद में छानबीन के लिए कंकरखेड़ा स्थित उसके घर पर गई। टीम ने मौके से कुछ फाइलें भी जांच के लिए जब्त की है।