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यूपी के इस शहर में बुजुर्ग महिला की मौत के बाद दलितों आैर गुर्जरों में तनाव के बाद फिर पुलिस तैनात दोनों बसपा नेताआें ने इसलिए किया था विरोध दरअसल, चांदपुर के पूर्व बसपा विधायक इकबाल ठेकेदार भी बसपा के प्रबल उम्मीदवार माने जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो रुचि वीरा के बसपा ज्वाइन करने की चर्चाआें से पहले ही उन्होंने पार्टी हार्इकमान के सामने विरोध करना शुरू कर दिया था। इसमें मुरादाबाद मंडल के मुख्य जोन प्रभारी जितेंद्र सागर विरोध जताने में साथ रहे। सूत्रों की मानें तो दोनों ने पार्टी हार्इकमान के सामने यह विरोध जताया था कि रुचि का बसपा में आना लाभकारी नहीं होगा, क्योंकि उन पर कर्इ मुकदमे हैं। इसके बाद रुचि को बसपा में लाने वाले खेमे के नेताआें ने स्थिति स्पष्ट कर दी थी कि जो मुकदमे थे, उनकी फाइल बंद हो चुकी है। बताते हैं कि पार्टी के कुछ नेताआें ने दिल्ली में बहन जी से मुलाकात की आैर पूर्व विधायक इकबाल ठेकेदार व जितेंद्र सागर के निजी स्वार्थ की शिकायत की। इसके बाद बसपा सुप्रीमो ने दोनों को निष्कासित कर दिया। पार्टी जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने भी इसकी पुष्टि की है। माना जा रहा है कि इस निष्कासन के बाद सपा पूर्व विधायक रुचि वीरा की संभावना प्रबल हो गर्इ है। हालांकि निष्कासित पार्टी नेताआें का कहना है कि उन्होंने कोर्इ अनुशासनहीनता नहीं की। वे हार्इकमान के सभी आदेश मानते आए हैं आैर हमेशा पार्टी के हित में काम किया।