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मेरठ

निकाय चुनाव के बाद मिशन-2019 में जुटीं BSP सुप्रीमो मायावती, लिए चौंकाने वाले फैसले

मायावती ने पश्चिम उप्र के पांच नेताओं का कद बढ़ाया

मेरठDec 14, 2017 / 09:08 pm

Iftekhar

Mayawati

मायावती

केपी त्रिपाठी/मेरठ. निकाय चुनाव के परिणामों से मिली संजीवनी के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने 2019 की तैयारी शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपनी रणनीति के मुताबिक पार्टी के उन पदाधिकारियों का कद बढ़ा दिया है, जिन्होंने इस चुनाव में बसपा को जीत दिलवाई या फिर पार्टी को जीत के नजदीक लेकर गए। बसपा हाईकमान ने पश्चिम उप्र के पांच नेताओं का पार्टी के भीतर कद बढ़ाकर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी है। इनमें मेरठ के राजकुमार का कद बढ़ाते हुए उन्हें अब पश्चिमी उप्र के प्रभारी शम्सुद्दीन के साथ मेरठ के साथ ही बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल की जिम्मेदारी भी दी गई है। राजकुमार इन चारों मंडलों में पार्टी का कार्य देखेंगे। मंडल कोर्डिनेटरों को जिले की और जिला कोर्डिनेटरों को विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है।

इसके अतिरिक्त सहारनपुर के नरेश गौतम और महीपाल माजरा , मुरादाबार के गिरीश और गाजियाबाद के सुरेश कश्यप को भी इन चारों मंडलों में चुनाव की तैयारी के लिए लगाया गया है। पार्टी ने पांच जिलाअध्यक्ष भी बदले हैं। इनमें बिजनौर से अखिलेश कुमार, बागपत में मांगेराम, अलीगढ में सुरज कुमार मुरादाबाद में रजनीकांत और आगरा में ड़. भारतेंदु अरूण को जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी है।

पूर्व मेरठ मंडल कोर्डिनेटर राजकुमार ने पत्रिका को बताया कि नगर निगमों में अपने को उत्तर प्रदेश की नंबर दो पार्टी बना ले जाने में सफल रही है। भाजपा का तिलस्म से जनता परिचित हो चुकी है। सर्वाधिक उत्पीड़न भाजपा राज में दलितों और मुस्लिमों का हुआ है। फर्जी एनकाउंटर में दलित और मुस्लिम युवकों को मारा जा रहा है। इससे इन दोनों वर्गों में रोष है। इसके परिणाम भाजपा को 2019 में भुगतने पड़ेंगे।

जहां दलित और मुस्लिम एक हुए वहीं बसपा जमी
बीएसपी की दो जीतों के पीछे उसका उभार भाजपा की उस रणनीति के लिए चुनौती भी है, जिसके तहत वह समस्त हिंदू मतों के ध्रवीकरण का प्रयास काफी दिनों से कर रही है। निकाय चुनाव में भी ये कई जगह दिखा कि जहां भी अल्पसंख्यक वोट दलित मतों के साथ एकजुट हो गए, वहीं बसपा जमकर खड़ी हो गई। बसपा ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही मेरठ और अलीगढ़ में मेयर का चुनाव जीत लिया। इतना ही नहीं झांसी, आगरा और सहारनपुर में पार्टी दूसरे नंबर रही है। बसपा के लिए ये दो सीटें ही काफी अहम इसलिए भी हैं, क्योंकि भाजपा की लहर में जहां सपा और कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो गया, वैसी स्थिति में दो सीटें निकाल लेना बसपा के लिए किसी वापसी से कम नहीं है।

मायावती ने मेरठ मेयर को बुलाया लखनऊ
पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा राष्टीय अध्यक्ष मायावती ने मेरठ की नवनिर्वाचित मेयर सुनीता वर्मा को लखनउ बुलाया है। बसपा सूत्रों की माने तो मायावती, मेयर सुनीता वर्मा को आने वाले चुनाव की तैयारी में जुटने और उसकी रणनीति पर चर्चा करेंगी।

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