यह भी पढ़ेंः
लॉकडाउन के दौरान मेरठ में बिजलीकर्मी की गोली मारकर हत्या, युवती के साथ स्कूटी पर जा रहा था काम पर ग्राम प्रधान का कहना है कि 28 अप्रैल को भी तीन चमगादड़ उसी जगह तालाब के किनारे मृत अवस्था में मिली थी। जिसे दफना दिया गया था। अब फिर से चमगादड़ों के मिलने से अब गांव में दहशत का माहौल बन गया गया है। ग्राम प्रधान की सूचना पर मौके पर पहुंची पशु विभाग की टीम ने निरीक्षण के बाद जिला वन संरक्षक को सूचना दे दी है। मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक भी चमगादड़ को देखकर हैरान हो गए। उन्होंने बताया कि इनकी जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
यह भी पढ़ेंः
Meerut: पूल सैंपलिंग में तीन महिलाएं मिली कोरोना पॉजिटिव, कुल मरीजों की संख्या हुई 97 डॉक्टरों का कहना है कि पहली बार इतनी बड़ी चमगादड़ देखी गई हैं। चमगादड़ का साइज करीब 2 फुट के आसपास हैं जो कि समान्य चमगादड़ से करीब दो गुना है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि कहीं इन चमगादड़ का कोरोना से तो संबंध नहीं हैं। ग्रामीणों ने कहा कि कहीं इनके नमूने लेने के बाद इन्हें मारकर फेंका जा रहा हो। हालांकि इसका खुलासा तो अब इन चमगादड़ों के पोस्टमार्टम के बाद ही होगा।
यह भी पढ़ेंः
Lockdown में रोजा इफ्तारी छोड़ पुजारी का शव कंधे पर रखकर श्मशान चल पड़े मुस्लिम पशु चिकित्सक डा. अजय सिंह ने बताया कि तालाब के पास कुछ चमगादड़ मरे हुए मिले हैं। बीते दिन भी कुछ चमगादड़ मरे हुए मिले थे। जो चमगादड मिले हैं वे आम चमगादड़ों से दो गुना बड़े हैं। प्रधान गंगाराम ने बताया कि तालाब के किनारे आबादी के नजदीक तीन चमगादड मरे हुए मिले। उनको गड्ढा खोदकर दबवा दिया था। आज भी तीन चमगादड मरे हुए पाए गए हैं, जो कि देखने से ही बड़े विचित्र प्रतीत हो रहे हैं।