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मथुरा

हजारों श्रद्धालु रस्सी के सहारे पार कर रहे थे यमुना, बीच यमुना में मची भगदड़, एक की मौत

-विश्व प्रसिद्ध संत रमेश बाबा के मानमंदिर की ब्रज चौरासी कोसी यात्रा में हुई घटना -जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से हुआ हादसा -आश्वासन के बाद भी तैयार नहीं हुआ यात्रा के लिए वैकल्पिक पुल -रस्सी के सहारे ब्रज यात्रा में शामिल श्रद्धालु पार कर रहे थे यमुना

मथुराOct 22, 2019 / 06:46 pm

अमित शर्मा

हजारों श्रद्धालु रस्सी के सहारे पार कर रहे थे यमुना, बीच यमुना में मची भगदड़, एक की मौत

हजारों श्रद्धालु रस्सी के सहारे पार कर रहे थे यमुना, बीच यमुना में मची भगदड़, एक की मौत

मथुरा। बरसाना के विरक्त संत रमेशबाबा के मान मंदिर की राधारानी ब्रजयात्रा में उस समय बड़ा हादसा हो गया जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु रस्सी के सहारे यमुना पार कर रहे थे। रस्सी के सहारे यमुनापार करती यात्रा में अचानक भगदड़ मच गई। इस आपाधापी में करीब दो दर्जन श्रद्धालु यमुना में डूब गये। जिनमें से एक की मौत हो गई जबकि बाकी को बाहर निकाल लिया गया। आनन फानन में घायल श्रद्धालुओं को कोसी, वृन्दावन व नौहझील के अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
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मंगलवार को जैसे ही ब्रजयात्रा यमुना किनारे पहुची तो कोई भी पुल नजर नहीं आया। जिसके चलते ब्रजयात्रा के संयोजक सुनील सिंह ने अलीगढ़ के प्रशासनिक अधिकारियों से सम्पर्क किया तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद भक्ति के रंग में रंगी ब्रजयात्रा ने रस्सी के सहारे ही यमुना पार करने की ठान ली। पांच दिन तक हरियाणा में भ्रमण करने के बाद जब राधारानी ब्रजयात्रा मथुरा में यमुना किनारे स्थित महरौली गांव से जैदपुरा अलीगढ़ के लिए रवाना हुई तो यमुना पार करते वक्त हादसा हो गया। हजारों श्रद्धालु रस्सी के सहारे यमुना को पार कर रहे थे। जिसके चलते दर्जनों श्रद्धालु डूब गए।
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यह हादसा उस समय हुआ जब अधिकांश श्रद्धालु यमुना को रस्सी के सहारे पर कर दूसरे किनारे पर पहुंच गये थे अन्यथा हादसा और भी बडा हो सकता था। मानमंदिर और यात्रा से जुडे प्रशासनिक अधिकारियों ने इस हादसे के लिए हरियाणा के प्रशासनिक अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। यात्रा संयोजक सुनील सिंह ने बताया कि पिछले पांच दिन से यात्रा हरियणा में भ्रमण कर रही थी। हरियाणा के प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क में वह लगातार बने हुए थे। अधिकारी उन्हें आश्वासन देते रहे कि यात्रा के यमुना तट पर पहुंचने से पहले ही वैकल्पिक पुल का निर्माण करा दिया जाएगा। मंगलवार की सुबह यात्रा वहां पहुंची तो किसी तरह का कोई पुल नजर नहीं आया। इसके बाद यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं ने रस्सी के सहारे आगे बढने का फैसला लिया। अधिकांश श्रद्धालु यमुनापार कर दूसरी ओर पहुंच गये थे लेकिन आखिरी टोली यमुनापार कर रही थी तो अचानक भगदड़ मच गई। जिसमें एक 85 वर्षीय श्रद्धालु की मौत हो गई। बाकी घायलों को बाहर निकाल लिया गया।
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सूचना के बाद भी अधिकारियों ने यात्रा को आगे बढ़ने से नहीं रोका
पूर्व सूचना के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने यात्रा को आगे बढने से नहीं रोका। पहली गलती तो यह रही कि जब वैकल्पिक पुल की व्यवस्था नहीं हो सकती थी तो आश्वासन क्यों दिया गया? दूसरा जब पुल नहीं बना तो यात्रा को आगे बढने से रोका क्यों नहीं गया?
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ब्रज चौरासी कोसी यात्राएं वर्ष भर चलती हैं
यह स्थिति तब है जब ब्रज चैरासी कोसी यात्रा वर्ष भर चलती हैं। देशविदेश के धर्मपरायण लोग यहां आकर विभिन्न संत महात्माओं, मठ मंदिरों और भागवताचार्यों के नेतृत्व में आयोजित होने वाली ब्रज चैरासी कोस यात्रा में सामिल होते हैं। करीब एक दर्जन से अधिक बडी ब्रज चैरासी कोसी यात्राएं नियमित रूप से प्रतिवर्ष होती है लेकिन प्रषासन इस और ध्यान नहीं देता है।

जिला पशासन ने कहा यमुना जल आचमन से हुए बीमार
वहीं जिला प्रशासन का कहना है कि यमुना जल आचमन से ये लोग बीमार हुए हैं। किसी तरह की भगदड नहीं मची है। यहां आठ महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। बताया गया है कि इन महिलाओं ने आचमन के बाद यमुना का जल पिया था। हालांकि चिकित्सक ने फूड प्वाइजनिंग का मामला बताया है। फिलहाल इन सभी महिलाओं का जिला संयुक्त अस्पताल में इलाज चल रहा है। बीमार महिलाओं में अमिका 70 वर्ष, आनन्दी ठाकुर दास 60, गंगादेवी दास 45 वर्ष, सावित्री दास 40 वर्ष, अल्पनादास 60 वर्ष, कालिदास 68 वर्ष, कानून दास 60 वर्ष, ज्योत्सना 25 वर्ष शामिल हैं। इनमें छह को जिला अस्पताल भेजा गया है।

वर्जन
-प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है। अधिकारी हमें पांच दिन से आश्वासन दे रहे थे कि वैकल्पिक पुल की व्यवस्था यात्रा के लिए करा दी जाएगी। अधिकारियों ने उन्हें धोखा दिया है। एक 85 साल का बुजुर्ग श्रद्धालु की इस घटना में मृत्यु हुई है।
सुनील सिंह, संयोजक राधारानी ब्रजयात्रा मानमंदिर

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