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मथुरा

Mudiya Purnima Mela 2022 : सनातन गोस्वामी के निधन पर शिष्यों ने मुंडवाया था सिर, 464 साल पुरानी है मुड़िया मेले की परंपरा

Mudiya Purnima Mela 2022 : मुड़िया पूर्णिमा पर गिरिराजजी की परिक्रम का विशेष महत्व है। बताया जाता है कि मुड़िया पूर्णिमा मेले का इतिहास 464 साल पुराना है। सनातन गोस्वामी वृंदावन में कुटी बनाकर रहते थे और वृद्धावस्था में भी वह गोवर्धन गिरधारी की परिक्रमा किया करते थे। 1615 में उनके निधन के बाद ये परंपरा शुरू हुई।

मथुराJul 11, 2022 / 12:19 pm

lokesh verma

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Mudiya Purnima Mela 2022 : मथुरा में यूं तो भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े कई उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। वहीं, गुरु पूर्णिमा पर लगने वाला मुड़िया पूर्णिमा मेला भी बेहद खास है। इस मेले में हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, जो गोवर्धन गिरिराजजी महाराज की 21 कोस की परिक्रमा कर अपनी आस्था दिखाते हुए मन्नत मांगते हैं। मुड़िया पूर्णिमा पर गिरिराजजी की परिक्रम का विशेष महत्व है। बताया जाता है कि मुड़िया पूर्णिमा मेले का इतिहास 464 साल पुराना है। सनातन गोस्वामी वृंदावन में कुटी बनाकर रहते थे और वृद्धावस्था में भी वह गोवर्धन गिरधारी की परिक्रमा किया करते थे। 1615 में जब सनातन गोस्वामी का निधन हुआ तो उनके शिष्यों ने सिर मुंडवाकर सनातन गोस्वामी के पार्थिव शरीर के साथ परिक्रमा लगाई। तभी से मुड़िया पूर्णिमा पर यह परंपरा चली आ रही है।
पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने बताया कि मुड़िया मेले की परंपरा चैतन्य महाप्रभु और सनातन गोस्वामी के काल से चली आ रही है। उन्होंने बताया कि सनातन गोस्वामी पहले पश्चिमी बंगाल के शासक हुसैन शाह के मंत्री थे। उन्होंने चैतन्य महाप्रभु से प्रभावित होकर मंत्री पद त्याग दिया था और वृंदावन में चक्लेश्वर मंदिर के निकट कुटी बनाकर रहने लगे थे। उन्होंने चैतन्य महाप्रभु से दीक्षा ली और उम्र के अंतिम पड़ाव पर भी रोजाना गोवर्धन गिरिराजजी की परिक्रमा करते थे।
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मुड़िया पूर्णिमा पर गोवर्धन की परिक्रमा से श्रद्धालुओं को हुए चमत्कारिक लाभ

सनातन गोस्वामी का 1615 में निधन हो गया तो शिष्यों ने परंपरा का निर्वाह करते हुए अपने सिर मुंडवाकर गुरु के पार्थिव शरीर को कीर्तन करते हुए गोवर्धन की परिक्रम लगाई। सनातन गोस्वामी के निर्वाण की यह तिथि शिष्यों के लिए पुण्यतिथि बनी। इसके बाद उनके शिष्यों के अलावा श्रद्धालुओं ने भी परिक्रमा लगानी शुरू कर दी। कहते है कि मुड़िया पूर्णिमा पर गोवर्धन गिरधारी की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं को चमत्कारी लाभ हुए तो श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने लगा। अब मुड़िया पूर्णिमा पर परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक करोड़ से ऊपर पहुंच जाती है।
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इस बार 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान

बता दें कि पिछले दो वर्ष से कोरोना महामारी के चलते मुड़िया पूर्णिमा मेले को स्थगित करना पड़ रहा था, लेकिन इस बार यह भव्य मेला शुरू हो चुका है। 15 जुलाई तक चलने वाले इस ऐतिहासिक मेले के लिए जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गोवर्धन गिरिराजजी की परिक्रमा के लिए पहुंच सकते हैं। मुड़िया पूर्णिमा मेले में गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है।

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