दरअसल, मथुरा शहर कोतवाली क्षेत्र में 28 फरवरी 2015 को तुलसी उर्फ तोले चौबे उर्फ तोले बाबा के मुकदमे की पैरवी करने के लिए कोर्ट के लिए निकले थे। इसी बीच दिनदहाड़े बीच रास्ते में उनकी हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद पुलिस व्यवस्था पर तमाम सवाल उठाए गए थे। पुलिस ने हत्या के आरोप मथुरा के रहने वाले 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। पांचों दोषियों पर हत्या, लूट, डकैती और जैसे कई संगीन मुकदमे पहले से ही दर्ज थे। लंबी सुनवाई के बाद शनिवार को एडीजे प्रथम ने फैसला सुनाते हुए रंगा, बिल्ला, चीनी, नीरज और गुलगुला पहलवान को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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सीएम योगी के आदेश के बाद अवैध रूप से संचालित मदरसे पर चला ‘बाबा का बुलडोजर’ 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया एडीजीसी राजू ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि तोले बाबा हत्याकांड में 5 आरोपियों को आजीवन कारावास और 10-10 हज़ार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। तोले बाबा अपने बनखंडी आश्रम से मुकदमे की पैरवी करने के लिए कोर्ट आ रहे थे।
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सामूहिक विवाह में अमेरिकी डॉलर का हार पहनकर पहुंचा दूल्हा, लोग बोले- ये जनाब कहां से गरीब पीड़ित परिवार ने फैसले पर जताई संतुष्टि इसी दौरान राकेश उर्फ रंगा की तरफ से ताबड़तोड़ गोली बारी की गई। तोले बाबा की पीठ में गोली लगी। घायल तोले बाबा को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। चश्मदीद गवाहों के बयान के आधार पर इन लोगों को आजीवन कारावास और अर्थदंड दिया गया है। उन्होंने बताया कि 148, 149, 302 धारा के तहत सजा दी गई है। 7 साल बाद आए फैसले पर पीड़ित परिवार ने संतुष्टि जताई है।