कम हो सकती है कंपनियों की रेटिंग
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2020 तक करीब 1000 डेट पेपर्स मैच्योर हो सकते हैं। जिनमें से कुछ डेट पेपर्स डिफॉल्ट हो सकते हैं। ये वो कंपनियां है, जो कोरोना वायरस की वजह से फाइनेंशियल क्राइसिस के दौर से गुजर रही है। जानकारों की मानें तो AAA से कम रेटिंग वाली कंपनियों पर जांच की जा सकती है। जानकारी के अनुसार म्यूचुअल फंड्स ने AAA और A1 से कम रेटिंग वाले डेट पेपर्स में 18,402 करोड़ रुपए का इंवेस्टमेंट किया हुआ है।
इन कंपनियों की रेटिंग पर बुरा असर संभव
मौजूदा समय में कोरोना के कारण सिम्पेल्क्स, हजारीबाग रांची एक्सप्रेस-वे, डीएचएफएल और एसेल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी कंपनियों की रेटिंग पर असर देखने को मिल सकता है। क्रिसिल रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में तमाम सेक्टर्स के करीब 16 लाख करोड़ रुपए के डेट पेपर्स में से 50 फीसदी की रेटिंग को कम किया जा सकता है। जिसकी वजह से डिफॉल्र्ट होने का खतरा बढऩे की संभावना है।
इन सेक्टर्स पर पड़ सकता है बुरा असर
पॉवर सेक्टर पर करीब 13 गुना तक असर देखने को मिल सकता है। ऑटो पार्ट, रियल एस्टेट, जेम्स एंड और ज्वेलरी, एयरलाइंस, मुर्गी पालन और मीट, टैक्सटाइल और निर्माण जैसे सेक्टर्स पर ज्यादा बूरा असर देखने को मिल सकता है। आने वाले दिनों में इन सेक्टर्स के रेवेन्यू में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। इन सेक्टर्स की म्यूचुअल फंडों की अधिक जोखिम वाले इन डेट पेपर्स में 27,000 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी है।
आरबीआई ने किया है 50 करोड़ का ऐलान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने म्यूचुअल फंड्स को सपोर्ट करने के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है। आरबीआई ने म्यूचुअल फंड को 50 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया है। जिसके बाद देश के फंड हाउस अपने बॉन्ड्स या डेट पेपर्स बैंकों के पास रखकर रुपया ले सकते हैं। आपको बता दें कि रिजर्व बैंक ने फैसला फ्रेंकलिन टेम्पलटेन द्वारा 6 डेट फंड्स को बंद करने के बाद लिया था।