scriptरोजाना करोड़ों का होता है कारोबार, समस्याओं के अंबार से घिरे बाजार, दुकानों के आगे ठेलों की कतारें | Crores of rupees worth of business is done every day, markets are surrounded by a lot of problems, there are rows of carts in front of shops | Patrika News
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रोजाना करोड़ों का होता है कारोबार, समस्याओं के अंबार से घिरे बाजार, दुकानों के आगे ठेलों की कतारें

बाजारों की समस्याओं के समाधान को लेकर कभी प्रशासन की ओर से कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। ऐसे में समस्याएं अब स्थायी बन चुकी

बाड़मेरOct 03, 2024 / 12:47 pm

Mahendra Trivedi

त्योहारी सीजन शुरू हो गया है, बाजारों में अब दिवाली तक भारी भीड़ उमड़ेगी। खरीदारों की सुबह से लेकर रात तक रेलमपेल रहेगी। लेकिन बाजारों की समस्याओं का समाधान नहीं होना ग्राहकों के साथ व्यापारियों के लिए भी बड़ी परेशानी का कारण बन रहा है। बाजारों की समस्याओं के समाधान को लेकर कभी प्रशासन की ओर से कोई ठोस उपाय नहीं किए गए। ऐसे में समस्याएं अब स्थायी बन चुकी है।

हाथ ठेले वालों के स्थायी ठिकाने

बाड़मेर स्टेशन रोड बाजार में दुकानों के आगे ठेलों की कतारें है। यहां पर शायद जितनी दुकानें नहीं होगी, उससे ज्यादा हाथ ठेले खड़े मिल जाएंगे। जबकि बाजार नोन वेंडिंग जोन है, जहां पर ठेलों को खड़ा नहीं किया जा सकता है। जबकि यहां पर ठीक इसके विपरित हो रहा है। ठेला संचालकों के सडक़ पर ठिकाने स्थायी हो गए है। कोई वाहन खड़ा है तो उसे हटाकर वहीं पर ठेला खड़े करते है। बाजार में ठेलों के खड़े रहने से यातायात व्यवस्था बाधित होती है और दुपहिया पार्किंग के लिए जगह नहीं मिलती है। ठेलों को वेंडिंग जोन में स्थायी स्थान देने से समस्या खत्म हो सकती है।

सडक़ पर अवैध टैम्पो स्टैंड

बाजार में कुछ स्थानों पर अवैध ऑओ स्टैंड बन चुके है। यहां पर कतार में ऑटो खड़े रहते है। मनमर्जी का किराया और बीच सडक़ ऑटो की कतारें सुबह से लेकर रात तक दिखती है। स्टेशन रोड बाजार में खासकर मॉल्स के आगे खड़े ऑटो से यातायात जाम होना आम है। यहां पर दुपहिया वाहन को खड़ा करने में भी ऑटो बाधा बनते है।

यातायात नियंत्रण को नहीं पुलिस

बाजार में यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस की कोई तैनाती नहीं है। पुलिस केवल चालान काटने के लिए यहां आती है। यह कार्रवाई भी खानापूर्ति होती है। बाजार में शाम को तो जाम से हालात खराब होते रहते है। त्यौहारों पर यह स्थिति और ज्यादा बिगडऩे की आशंका रहती है।

चार पहिया वाहन भी धड़ल्ले से

बाजार में चार पहिया वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए अहिंसा सर्कल पर बेरियर लगे है। लेकिन वाहन चालक बाजार के आसपास की गलियों से वाहनों को लेकर भीतर घुस जाते है और जहां जगह मिलती है वाहन पार्क कर देते है। पूरे दिन चार पहिया वाहनों की बाजार में आवाजाही चलती रहती है। कोई रोक-टोक नहीं है।

यहां चाहिए वन-वे यातायात

गांधी चौक से शहर के भीतरी बाजारों में सडक़ें संकरी होने से वाहनों की आवाजाही से पूरे दिन जाम लगा रहता है। लक्ष्मी बाजार, जवाहर चौक, पिपली चौक में वन-वे लागू नहीं होने की वजह से व्यापारी और ग्राहक दोनों परेशान रहते है। यहां पर सडक़ बहुत की संकरी है और दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही होती है। ऐसे में कभी-कभी घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। बाजारों के होलसेल व्यापारियों की दुकानों के आगे फुटपाथ पर पार्सल पड़े रहते है। फिर दुपहिया खड़े कर देते है, इसके बाद पैदल चलने की जगह नहीं बचती है। यहां लक्ष्मी बाजार से पीपली चौक तक वन-वे यातायात होने पर ही राहत मिल सकती है। यहां पर वन-वे किया जाता है, लेकिन कुछ दिन बाद फिर व्यवस्था पुराने ढर्रे पर आ जाती है। ऐसे में बाजारों के हालात खराब है।

बाजार की एक बड़ी समस्या का समाधान

नवो बाड़मेर अभियान में पूरे शहर के साथ बाड़मेर के बाजार भी चमक रहे है। व्यापारियों ने कचरे के लिए प्रतिष्ठान पर डस्टबिन रखे है। अब कचरा फैंकने पर कार्रवाई भी हो रही है जो नियमित है। ऐसे में सडक़ पर कचरा फैला नहीं दिखता है। बाड़मेर के बाजारों की सबसे बड़ी गंदगी और कचरे की समस्या का समाधान होने से व्यापारी और आमजन खुश है।

बाजारों में प्रमुख समस्याएं

-पार्किंग के अभाव में दुकानों के आगे दुपहिया का जमावड़ा
बाजार के नॉन वेंडिंग जोन में हाथ ठेलों का जमघट
-चार पहिया वाहनों के आवाजाही से बार-बार जाम
-सुरक्षा और यातायात पुलिस की कोई व्यवस्था नहीं
-स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण की भरमार
-बाजार में बन गए ऑटो के अवैध स्टैंड
-भीतरी क्षेत्र के बाजारों चाहिए वने-वे ट्रैफिक

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