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देश की लिस्टेड कंपनियों में भारत सरकार से ज्यादा लगा है टाटा का रुपया, चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए

टाटा संस की लिस्टेट कंपनियों में एक साल के अंदर बढ़ गई 34 फीसदी तक की हिस्सदारी
मौजूदा समय में टाटा संस देश की लिस्टेड कंपनियों में लगाता है 9.28 लाख करोड़ रुपया
सरकार की हिस्सेदारी हुई कम, सरकारी हिस्सेदारी की वैल्यू 9.24 लाख करोड़ रुपए पहुंची

Jan 03, 2021 / 08:34 am

Saurabh Sharma

Tata Sons emerged as the largest promoter of listed companies

Tata Sons emerged as the largest promoter of listed companies

नई दिल्ली। शेयर बाजार में कई लिस्टेड कंपनियां हैं। जिनमें भारत सरकार और टाटा और कई बड़े नाम प्रमोटर्स की भूमिका में हैं। नए साल में जो आंकड़ा सामने आया है वो बेहद चौंकाने वाला है। शेयर बाजार में टाटा संस ने सबसे बड़े प्रमोटर का तमगा भारत सरकार से छीन लिया है। अब टाटा संस देश की लिस्टेड कंपनियों में रुपया लगाने वाला सबसे बड़ा प्रमोटर बन गया है। जबकि भारत सरकार की हिस्सेदारी कम हो गई है। खास बात तो से है कि ऐसा 20 साल में पहली बार हुआ है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह कं आंकड़े सामने आए हैं।

बाजार का सबसे बड़ा प्रमोटर बना टाटा संस
ऐसे समय में जब भारतीय इक्विटी बाजार अपने उच्च स्तर पर पहुंचा है, टाटा संस भारत में सूचीबद्ध (लिस्टेड) कंपनियों के सबसे बड़े प्रवर्तक के रूप में उभरकर सामने आई है। कंपनी 2020 के अंत तक सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटर के मामले में केंद्र से भी आगे निकल गई है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, हाल के दिनों में सरकारी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है और इससे उनका मार्केट कैपिटलाइजेशन कम हुआ है, वहीं वहीं, टाटा सन्स देश की लिस्टेड कंपनियों के सबसे बड़े प्रमोटर के तौर पर उभरा है।

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टाटा संस की हिस्सेदारी 34 फीसदी बढ़ी
लिस्टेड कंपनियों में टाटा संस की हिस्सेदारी की वैल्यू पिछले एक साल में 34 प्रतिशत बढ़ी है, जो कि अब 9.28 लाख करोड़ रुपये हो गई है, वहीं सरकार की हिस्सेदारी की वैल्यू 9.24 लाख करोड़ रुपए है। पिछले एक साल में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों यानी पीएसयू में सेंटर्स की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी प्रतिशत घट गई है। 2020 के अंत में टाटा समूह की कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन 15.6 लाख करोड़ रुपए था, जबकि 2019 में यह 11.6 लाख करोड़ रुपए था।

पीएसयू कंपनियों का हुआ बुरा हाल
वहीं दूसरी ओर, 2020 के अंत तक सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों का रुख ठंडा पड़ता दिखाई दिया। इनका 2020 में कुल बाजार मूल्यांकन 15.3 लाख करोड़ रुपए रहा, जो एक साल पहले 18.6 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2020 में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की शेयर कीमत 85 प्रतिशत बढ़ी।

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