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स्टॉक में 100 कुंटल से ज्यादा प्याज नहीं रख सकते खुदरा व्यापारी

सरकार ने खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा को किया तय
थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा 500 कुंटल तय की गई
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट कर दी जानकारी

Sep 30, 2019 / 08:26 am

Saurabh Sharma

Onion Stock

नई दिल्ली। प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने की दिशा में एक साथ कई कदम उठाते हुए सरकार ने रविवार को खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा तय कर दी। खुदरा व्यापारी अब 100 कुंटल से अधिक प्याज नहीं रख सकते हैं। वहीं, थोक व्यापारियों के लिए यह सीमा 500 कुंटल तय की गई है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने एक ट्वीट में कहा, “सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पूरे देश में कारोबारियों के ऊपर स्टॉक लिमिट लागू कर दिया है। खुदरा व्यापारी के लिए 100 कुंटल और थोक व्यापारी के लिए 500 कुंटल का लिमिट तय कर दिया गया है। राज्य सरकारों को जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।”

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उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, “अभी तक परिस्थितियों के अनुसार राज्य सरकारें स्टॉक लिमिट लागू करती रही हैं। पहली बार केन्द्र ने पूरे देश में एक साथ स्टॉक लिमिट लगाया है। साथ ही राज्य सरकारों को जमाखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इससे बहुत जल्द बाजार में प्याज की कीमतें कम होंगी।” पासवान ने ट्वीट के जरिए कहा, “सरकार ने इस साल नैफेड के जरिए 56,700 टन प्याज का केन्द्रीय बफर स्टॉक बनाया है। इस स्टॉक से दिल्ली, हरियाणा, त्रिपुरा, आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल को उनकी मांग के अनुसार प्याज की आपूर्ति की जा रही है। अन्य राज्यों से भी कहा गया है कि जितना चाहें प्याज ले सकते हैं। वहीं, प्याज के निर्यात पर भी सरकार ने रविवार को रोक लगा दी।

विदेश व्यापार निदेशालय की ओर से रविवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, आईटीसी (एचएस) की अनुसूची-2 के अध्याय-7 की क्रम संख्या 51 और 52 के तहत आने वाले मदों में प्याज निर्यात नीति में संशोधन करते हुए प्याज की सभी वेरायटी के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। यह रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी। पासवान ने ट्वीट के जरिए कहा, “प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केन्द्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सबसे पहले तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें कम होंगी।”

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इससे पहले सरकार ने 13 दिसंबर को प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 850 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया था। डीजीएफटी की 13 सितंबर की अधिसूचना के अनुसार, प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य 850 डॉलर प्रति टन (एफओबी) से कम भाव पर निर्यात की अनुमति तब तक नहीं होगी, जब तक इस संबंध में अगला आदेश नहीं आता है। बारिश और बाढ़ के कारण प्याज की आवक बाधित होने से पिछले दिनों देशभर में प्याज की कीमतों में बेताशा वृद्धि हुई। देश की राजधानी दिल्ली में प्याज 60-70 रुपये किलो बिकने लगा था, जिसके बाद सरकार ने प्याज की कीमत को काबू में रखने के लिए एक बाद एक कदम उठाए हैं।

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सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से प्याज के दाम में गिरावट आई है। दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव शनिवार को 17-42.50 रुपये प्रति किलो था, जोकि एक सप्ताह पहले 50 रुपये प्रति किलो तक चला गया था। हालांकि देश की राजधानी में प्याज का खुदरा दाम अभी भी करीब 40-60 रुपये प्रति किलो चल रहा है।

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