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लहसून के दाम में तेजी
लहसुन की एक और प्रमुख मंडी मध्यप्रदेश के नीमच में सोमवार को विभिन्न क्वालिटी के लहसुन का भाव 8,000-16,000 रुपए कुंटल था। कारोबारियों ने बताया कि स्पेशल क्वालिटी का लहसुन 20,000 रुपए प्रति कुंटल से ऊपर के भाव बिक रहा है। नीमच के कारोबारी पीयूष गोयल ने बताया कि नीमच में इस समय 15,000 बोरी (एक बोरी में 50 किलो) लहसुन की आवक रह रही है और ज्यादातर मांग दक्षिण भारत से आ रही है। उन्होंने बताया कि बीते एक महीने में लहसुन के दाम में 5,000 रुपए प्रति कुंटल का इजाफा हुआ है। गोयल ने बताया कि हाल में हुई बारिश से खेतों में पानी भरा हुआ है, जिसके कारण लहसुन की नई फसल की बुवाई में विलंब हो सकती है। यही कारण है कि लहसुन की कीमतों को लगातार सपोर्ट मिल रहा है।
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राजस्थान में इतना महंगा हुआ लहसून
वहीं, राजस्थान के कारोबारी उत्तमचंद ने बताया कि बारिश के मौसम में किसानों के पास रखा लहसुन नमी के कारण खराब हो गया है, जिसके कारण स्टॉक की भी कमी है। उन्होंने कहा कि स्टॉक की कमी के कारण ही लहसुन की कीमत में जोरदार उछाल आया है। उत्तमचंद ने यह भी बताया कि लहसुन का भाव पिछले एक महीने में 5,000 रुपये प्रति कुंटल बढ़ा है। कारोबारियों ने बताया कि मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश से तमाम रबी फसलों की बुवाई में देरी होगी। ऐसे में लहुसन की अगली फसल आने तक मौजूदा स्टॉक पर ही निर्भर रहना होगा। एक अन्य कारोबारी ने कहा कि मंडियों में आवक लगातार कम होती जा रही है। उन्होंने दाम में और इजाफा होने की उम्मीद में किसान अपनी जरूरत के मुताबिक ही स्टॉक निकाल रहे हैं।
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6 महीनों में लहसून के दाम में तीन गुना का इजाफा
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी वाणिकी फसलों के तीसरे अग्रिम उत्पादन के अनुसार, 2018-19 में 28.36 लाख टन लहसुन का उत्पादन है, जबकि पिछले साल 16.11 लाख टन था। इस प्रकार, पिछले साल के मुकाबले इस साल लहसुन का उत्पादन 76 फीसदी अधिक है। कारोबारियों ने बताया कि फसल तैयार होने के समय उत्पादक मंडियों में लहसुन 5,000 रुपए कुंटल था जो अब 16,000-17,000 रुपए कुंटल हो गया है। इस प्रकार, बीते छह महीनों में लहसुन के दाम में तीन गुना इजाफा ह़ुआ है। भारत लहसुन के प्रमुख उत्पादक देशों में शामिल है, जबकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक है।