ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने आईएएनएस को बताया कि नवरात्र के बाद अब प्याज की खपत बढ़ गई, जबकि आवक खपत के मुकाबले कम है। देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक क्षेत्र महाराष्ट्र के नासिक में प्याज का थोक भाव 32-38 रुपये प्रति किलो था। नासिक के प्याज कारोबारी महेश ने बताया कि बुधवार को प्याज के थोक भाव में दो-चार रुपये प्रति किलो का इजाफा हुआ।
वहीं, दिल्ली की आजादपुर मंडी में दो दिनों में प्याज के थोक भाव में पांच रुपये प्रति किलो से ज्यादा की वृद्धि हुई है। आजादपुर एपीएमसी की कीमत सूची के अनुसार, दिल्ली में बुधवार को प्याज का थोक भाव 20-40 रुपये प्रति किलो था जबकि आवक 557.6 टन थी। राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इस समय दिल्ली में प्याज की रोजाना खपत 1,000 टन से अधिक है।
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कारोबारियों ने बताया कि महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश से प्याज की नई फसल की आवक शुरू हो गई और अगले महीने तक नई फसल की आवक जोरों पर होगी, तब कीमतों में गिरावट आ सकती है। यही कारण है कि किसान प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं।
नवरात्र से पहले देशभर में प्याज के दाम में बेतहाशा वृद्धि होने पर केंद्र सरकार ने इसकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार कई कदम उठाए। सरकार ने पिछले महीने 29 सिंतबर को जारी एक अधिसूचना के जरिए प्याज के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। साथ ही, व्यापारियों के लिए प्याज की स्टॉक सीमा तय कर दी। देश भर में प्याज के खुदरा व्यापारियों पर 100 कुंटल और थोक व्यापारियों पर 500 कुंटल की स्टॉक सीमा तय की गई।
इससे पहले, केंद्र सरकार की एजेंसियों के बफर स्टॉक से खुले बाजार में प्याज की बिक्री शुरू कर दी गई। सरकार के इन कदमों से प्याज के दाम में गिरावट आई, लेकिन नवरात्र का त्योहार समाप्त होते ही फिर दाम बढऩे लगा है। 13 सितंबर, 2019 को प्याज के निर्यात पर 850 डॉलर (एफओबी) प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया गया था। मंत्रालय के अनुसार, रबी 2019 सीजन के दौरान नाफेड के माध्यम से सरकार द्वारा लगभग 56,700 टन का बफर स्टॉक बनाया गया था।