एनएसई ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि निवेशक नॉनरेगुलेटेड डेरिवेटिव उत्पादों की ओर से बड़े रिटर्न देने की बात पर भरोसा कर बैठते हैं, जो बाद में नुकसान का सौदा साबित होता है। एनएसई ये सलाह बिना नियमन वाले मंच या वेबसाइट डेरिवेटिव उत्पादों में डिफरेंस के लिए अनुबंध ( सीएफडी ) या बाइनरी ऑप्शन की पेशकश करने की बात सामने आने की बाद दी है।
क्या होता है सीएफडी और बायनरी ऑप्शंस? सीएफडी खरीदार और विक्रेता के बीच एक कांट्रैक्ट होता है। इसके जरिे ट्रेडर्स और निवेशकों को बिना अंडरलाइंग एसेट्स को अपने पास रखे ही प्राइस मूवमेंट से प्रॉफिट कमाने का मौका मिलता है। बाइनरी ऑप्शन फिक्स्ड पेआउट पर एक ऑप्शन है जिसमें निवेशक दो संभावित परिणामों का अनुमान का अनुमान लगाता है। अगर अनुमान सही निकलता है तो निवेशक को एग्रीड पेआउट मिलता है और अगर अनुमान सहीं नहीं निकलता है तो निवेशक को अपनी पूंजी गंवानी होती है। इसे बाइनरी इसलिए कहते हैं क्योंकि इसमें या तो मुनाफा होगा या पूंजी गंवा देंगे।
फिर बाइनरी ऑप्शन के तहत निश्चित भुगतान करना होता है। इसमें निवेशक दो संभावित नतीजों में एक का अनुमान लगाता है। यदि उसका अनुमान सही साबित होता है तो निवेशक को तय भुगतान मिलता है। अनुमान गलत होने पर वह अपना शुरुआती भुगतान गंवा देता है।