विशेषज्ञों के अनुसार अमरीका और चीन के बीच व्यापार तनाव, अर्थव्यवस्था में नरमी, कमजोर निवेशक धारणा तथा विदेशी निवेशकों द्वारा कोष की निकासी से बाजार में उतार-चढ़ाव रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उतार-चढ़ाव के बावजूद बेहतर आईपीओ की हमेशा अच्छी मांग रही है।
इस साल अब तक सूचीबद्ध 11 कंपनियों के शेयरों के चार अक्टूबर तक के प्रदर्शन का विश्लेषण किया गया। इसके आधार पर यह बात सामने आयी कि आठ के आईपीओ में निर्गम मूल्य के मुकाबले 7 से 95 फीसदी तक की अच्छी बढ़ोतरी हुई है। वहीं तीन कंपनियां निवेशकों को आकर्षित करने में विफल रहीं और और इनके शेयर निर्गम मूल्य से नीचे कारोबार कर रहे हैं। इंडिया मार्ट इंटेर मेश जुलाई में सूचीबद्ध हुआ। इसके शेयर के भाव में निर्गम मूल्य के मुकाबले बंबई शेयर बाजार में सर्वाधिक 95 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी।
उसके बाद नियोजेन केमिकल्स का स्थान रहा जिसके शेयर भाव में 76 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसी प्रकार, एफल (इंडिया) लि. और मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर ने अपने निवेशकों को क्रमश: लगभग 49 और 40 फीसदी तक रिटर्न दिया। इसके अलावा पॉलिकैब इंडिया, रेल विकास निगम लि., शैलेट होटल्स और स्पंदन स्फूर्ति फाइनेंशियल के आईपीओ निर्गम मूल्य के मुकाबले क्रमश: 24 फीसदी, 21 फीसदी, 12 फीसदी और 7 फीसदी मजबूत हुए।
वहीं दूसरी तरफ तीन कंपनियों एमएसटीसी, स्टर्लिंग एंड विल्सन सोलर तथा जेल्पमॉक डिजाइन एंड टेक निवेशकों को रिटर्न देने में विफल रहीं। एमएसटीसी मार्च में शेयर बाजार में सूचीबद्ध हुई। कंपनी का शेयर 24 फीसदी टूटा। वहीं अगस्त में सूचीबद्ध स्टर्लिंग एंड विल्सन सोलर का शेयर 23 फीसदी से अधिक नीचे आया है। इसी प्रकार, जेल्पमॉक डिजाइन एंड टेक का शेयर निर्गम मूल्य के मुकाबले 4.5 फीसदी नीचे आया है।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के बुनियादी शोध के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, ‘‘पिछले एक साल से कई कारणों से बाजार में उत्साह नहीं है। कुल मिलाकर निवेशकों के बीच धारणा कमजोर रही। ऐसी स्थिति में बेहतर मूल्य वाले आईपीओ ने निवेशकों को अच्छा अवसर दिया।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा कुछ कंपनियों का बही-खाता दुरूस्त होने के कारण भी निवेशक इनके शेयरों के प्रति आकर्षित हुए। भारी-उतार-चढ़ाव के बीच बीएसई के सेंसेक्स में इस साल अबतक चार फीसदी की वृद्धि हुई है। इस साल अबतक कुल 13 कपंनियों ने आईपीओ के जरिये 11,000 रुपये जुटाए हैं। वहीं पिछले साल 2018 में पूरे वर्ष के दौरान 24 कंपनियों ने आईपीओ से 30,959 करोड़ रुपये जुटाये थे। पूंजी बाजार में दस्तक देने वाली कुल 13 कंपनियों में से आईआरसीटीसी और विश्वराज शुगर इंडस्ट्रीज के आईपीओ शुक्रवार को बंद हुए। ये कंपनियां इस महीने सूचीबद्ध होंगी।