दो दिनों में 10.35 लाख करोड़ रुपए की कमाई
अगर बात बांबे स्टॉक एक्सचेंज के मार्केट कैप की बात करें तो 19 सितंबर को मार्केट कैप 1,38,54,439.41 करोड़ रुपए था। जबकि शुक्रवार के बाद आज बाजार बंद होने तक मार्केट कैप 1,48,89,652.44 करोड़ रुपए हो गया। अगर दोनों दिनों के मार्केट कैप के अंतर को देखा जाए तो 10.35 लाख करोड़ रुपए हो जाता है। यही शेयर बाजार के निवेशकों का फायदा है। वास्तव में सरकार के ऐलान के बाद कॉरपोरेट टैक्स में कटौती कर दी गई है। जिसके बाद शुक्रवार को सेंसेक्स 2000 से ज्यादा अंकों की बढ़त पर पहुंच गया था और 1921 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ था। वहीं सोमवार को भी सेंसेक्स 1075 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ है। जिसकी वजह से निवेशकों की दो दिनों की कमाई 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है।
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1000 करोड़ से ज्यादा चंद्रयान हो सकते हैं तैयार
अगर निवेशक अपने दन दो दिनों की कमाई इसरों को दे दें तो 1000 से ज्यादा चंद्रयान जैसे मिशन हो सकते हैं। चंद्रयान मिशन की कुल कॉस्ट 978 करोड़ रुपए थी। अगर इस कॉस्ट को 1000 करोड़ रुपए माने तो 10.35 लाख करोड़ से भाग दें तो करीब 1000 चंद्रयान तैयार हो जाएंगे। साथ ही इस चंद्रयान को और उच्चकोटि का बनाना है तो 900 चंद्रयान भी तैयार कर सकते हैं। ऐसे में भारत चांद पर पूरी तरह से कब्जा कर सकता है। वास्तव में इसरो सिर्फ चांद पर ही नहीं बल्कि मंगल और बाकी ग्रहों पर भी खोज करने में जुटा है। लेकिन ज्यादा बजट ना होने की वजह से अपने प्रोजेक्ट्स को पूरा नहीं कर पा रहा है। ऐसे में देश के उद्योगपति अपने इन दो दिनों के फायदे को इसरो को दान में दे दें तो देश काफी फायदा होगा।
तीन साल रोज चंद्रयान जैसे मिशन
अगर इतने चंद्रयान बना भी लिए गए तो इसरो रोज तीन साल तक चंद्रयान 2 जैसे मिशन लांच ककर सकता है। जब पत्रिका ने हिसाब लगाया तो 1000 चंद्रयानों अगर रोज भी पृथ्वी से चांद पर छोड़ा गया तो 2.7 वर्ष लग जाएंगे। अगर इतने रुपए इसरो को मिलते हैं तो कोई भी सिर्फ चंद्रयान बनाने के लिए नहीं कहेगा। ना ही पत्रिका इस तरह की सलाह इसरों को देगी। लेकिन इन रुपयों से इसरो का भविष्य जरूर सुनहरा हो जाएगा। इसरो को अपने अभियानों के लिए सरकार की ओर तांकना नहीं पड़ेगा। कोई भी प्रोजेक्ट्स रुपयों की कमी की वजह से लेट नहीं होगा।