अंग्रेजी अखबर हिंदुस्तान टाइम्स की एक हालिया में रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल 2020 के बाद से तेल कंपनियां BS6 वाहनों के लिए अपग्रेडेड ईंधन के लिए लगने वाले अतिरिक्त खर्च का बोझ अपने ग्राहकों पर डालेंगी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एक तेल कंपनी के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ईंधन की कीमतों में तेजी से तेल कंपनियों को उनके निवेश का पैसा रिकवर करने में मदद मिलेगी। हालांकि, इसके लिए उन्हें सरकार से मंजूरी लेनी होगी।
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नए ईंधन के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 30,000 करोड़ खर्च
बता दें कि कई ऑयल रिफाइनरी कंपनियों ने बीएस6 ईंधन उपलब्ध कराने के लिए अपनी सुविधाओं पर करीब 30,000 करोड़ रुपये खर्च कर दिया है। उपरोक्त दो अधिकारियों के मुताबिक, कंपनियों द्वारा इस भारी निवेश के बाद अब उन्हें ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से रिटर्न की उम्मीद है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल यह केवल तार्किक ही है। कॉस्ट रिकवर करने पर सबसे अधिक फोकस है। कंपनियां अभी मुनाफे के बारे में नहीं सोच रही हैं।
2 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है बढ़ोतरी
एक अनुमान के मुताबिक, BS6 वाहनों के लिए ईंधन पर बढऩे वाला यह खर्च कुछ पैसे प्रति लीटर से लेकर 2 रुपये प्रति लीटर के करीब हो सकता है। इसे एक स्पेशल सेस या ड्यूटी के तौर पर चार्ज किया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में अभी सरकार से बातचीत करना बाकी है। बताते चलें कि यूनियन बजट 2019 के भाषण में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सेस बढ़ाने का ऐलान किया गया था।
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आम जनता की बढ़ सकती है परेशानी
ऐसे में ईंधन की कीमतों में एक और बढ़ोतरी से आम जनता को बड़ा धक्का लग सकता है। बीते कुछ महीनों में ऑटो सेक्टर में वाहनों की बिक्री में कमी आई है। कई कंपनियों ने तो कुछ दिनों के लिए उत्पादन तक को बंद रखा था। ऑटो कंपनियों के इस बात की भी उम्मीद है कि आने वाले दिनों में कारों पर लगने वाले जीएसटी को भी कम करेगी। हालांकि, निकट भविष्य में इसके कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।
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