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निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से किसान नाराज
नासिक मंडी के सूत्रों के अनुसार, सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से किसान नाराज हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए सोमवार को कुछ मंडियों में प्याज की नीलामी रोक दी। महाराष्ट्र की एक अन्य प्रमुख प्याज मंडी पिपलगांव में हालांकि सुबह में प्याज की कुछ नीलामी हुई। मंडी सूत्र ने बताया कि पिपलगांव में प्याज का थोक भाव 2,000-3,200 रुपये प्रति कुंटल था जबकि आवक 6,000-7,000 कुंटल थी। नासिक के प्याज कारोबारी महेश ने बताया कि प्याज की नई फसल नवंबर से जोर पकड़ेगी, लेकिन सरकार ने इससे पहले निर्यात पर रोक लगा दी है, जिससे किसानों को सीजन के दौरान अच्छा भाव नहीं मिल पाएगा।
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बारिश की वजह से फसल खराब
भारी बारिश और बाढ़ के कारण देश के प्रमुख प्याज उत्पादक प्रदेश महाराष्ट्र और कर्नाटक में प्याज की फसल खराब होने और नई फसल की आवक में विलंब होने से प्याज के दाम में भारी वृद्धि हुई। प्याज के दाम में हुई बेतहाशा वृद्धि के बाद सरकार हरकत में आई और प्याज की कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए जरूरी कदम उठाए गए। सरकार द्वारा उठाए गए फैसले के बाद दिल्ली की आजादपुर मंडी में बीते तीन दिनों से प्याज के दाम में स्थिरता बनी हुई है। व्यापारियों से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 25-34 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि आवक 46 ट्रक थी।
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मंडी में मांग के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा
हालांकि एपीएमसी सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्याज का भाव आजादपुर मंडी में 15-40 रुपए प्रति किलोग्राम था। ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने बताया कि रविवार को मंडी में आया 72 ट्रक प्याज भी पड़ा हुआ है, जिससे मांग के मुकाबले आपूर्ति ज्यादा हो गई। उन्होंने बताया कि नवरात्र का त्योहार शुरू होने के कारण प्याज की खपत भी कम हो गई है, जिससे कीमतों में स्थिरता है। हालांकि दिल्ली-एनसीआर की सब्जियों की दुकानों में प्याज का खुदरा मूल्य अभी भी 50 रुपए प्रति किलोग्राम से ऊपर ही है।