20 डॉलर से ज्यादा नीचे आ सकता है ब्रेंट क्रूड
भारत कच्चे तेल का दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर है, लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ भारत सरकार द्वारा छेड़ी गई जंग में पूरे देश में लॉकडाउन है, जिससे रेल, रोड और हवाई यातायात के साथ-साथ कई फैक्टरियां बंद हैं और तेल की खपत घट गई है। एंजेल कमोडिटी के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी एवं करेंसी) रिसर्च अनुज गुप्ता ने बताया कि भारत की तरह दुनिया के अन्य देशों में भी तेल की खपत घट गई है, इसलिए आपूर्ति के मुकाबले मांग कम होने से कीमतों पर दबाव बना हुआ है और आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड का दाम 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गिर सकता है। उन्होंने कहा कि अमरीकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास (डब्ल्यूटीआई) का दाम 17 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक गिर सकता है।
जल्द ही देखने को मिलेगी रिकवरी
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का भी यही अनुमान है कि आने वाले दिनों में ब्रेंट क्रूड का भाव 20 डॉलर प्रति बैरल से नीचे तक आ सकता है जबकि डब्ल्यूटीआई 18 डॉलर प्रति बैरल टूट सकता है। वहीं उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह स्थिति ज्यादा दिनों तक रहने के आसार नहीं है। अजय केडिया के अनुसार कच्चे तेल के दाम में आगे होने वाली गिरावट ज्यादा दिनों तक नहीं रहेगी, बल्कि उसके बाद रिकवरी आएगी क्योंकि अमरीका में तेल की उत्पादन लागत ज्यादा है, इसलिए वह उत्पादन में कटौती कर सकता है इसके बाद दूसरे प्रमुख तेल उत्पादक देश भी उत्पादन में कटौती करने को मजबूर होंगे जिससे कीमतों को सपोर्ट मिलेगा।
भारत में 10 रुपए से भी कम हो जाएंगे दाम
अगर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम 20 डॉलर से नीचे आते हैं तो भारत में भी इसका असर देखने को मिलेगा। अगर रुपए के मुकाबले डॉलर को 75 रुपए का मान लिया जाए और ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम को 20 डॉलर प्रति बैरल मान लिया जाए तो रुपए के हिसाब से 1500 रुपए प्रति बैरल दाम होंगे। एक बैरल में 159 लीटर होते हैं, ऐसे में एक लीटर के दाम 10 रुपए से नीचे आ जाएंगे।
आज 5 फीसदी कम हुए हैं दाम
क्रूड ऑयल के दाम की बात करें तो आज अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बीते कारोबारी सत्र में ब्रेंट क्रूड ऑॅयल का भाव 24.95 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। जबकि 8 जनवरी 2020 को ब्रेंट का भाव 71.75 डॉलर प्रति बैरल तक उछला था, जोकि इस साल का सबसे उंचा स्तर है। इस तरह साल के ऊंचे स्तर से बेंट्र का दाम करीब 70 फीसदी लुढ़का है। न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज पर डब्ल्यूटीआई का मई अनुबंध आज 21.51 डॉलर प्रति बैरल तक गिर चुका है। आठ जनवरी 2020 को डब्ल्यूटीआई का भाव 65.65 डॉलर प्रति बैरल तक उछला था। इस प्रकार अमरीकी क्रूड डब्ल्यूटीआई का भाव इस साल के ऊंचे स्तर से 70 फीसदी तक टूट चुका है। वहीं बात भारत की करें तो यहां पर भी क्रूड ऑयल के दाम में 5 फीसदी की गिरावट के साथ 1605 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
रुपए की चाल पर भी होगा निर्भर
भले ही भारत के लिहाज से क्रूड ऑयल का सस्ता होना काफी अच्छा है, लेकिन दूसरी और रुपए की चाल भी इस बात पर निर्भर करेगी कि आखिर क्रूड ऑयल की खरीदारी का सही समय कब है। वास्तव में डॉलर के मुकाबले रुपए तें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। भारत क्रूड ऑयल के दाम डॉलर के रूप में चुकाता है। डॉलर जितना मजबूत होगा भारत का क्रूड ऑयल इंपोर्ट बिल उतना ही बढ़ता जाएगा। ऐसे में क्रूड ऑयल के दाम ही कम होना ही अच्छा नहीं है, बल्कि रुपए और डॉलर के बीच भी बैलेंस होना भी काफी जरूरी है। ताकि भारत को इसका फायदा मिल सकेे।
दो सप्ताह से पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं
बीते दो सप्ताह से पेट्रोल और डीजल के दाम में किसी तरह का कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। 16 मार्च को पेट्रोल और डीजल के दाम में आखिरी बार बदलाव देखने को मिला था। जब देश के चारों महानगरों नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई औी चेन्नई में पेट्रोल के दाम क्रमश: 69.59, 72.29, 75.30 और 72.28 रुपए प्रति लीटर हो गए थे। जबकि समान दिन और समान महानगरों में डीजल के दाम क्रमश: 62.29, 64.62, 65.21 और 65.71 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं।