कार्यक्रम में किशोर जयरामन ने युवाओं को स्टार्ट्अप आरंभ करने के लिए मोटिवेट करते हुए उन्हें अपने आसपास की समस्याओं का हल सुझाते हुए उन्हीं के इर्द-गिर्द अपनी प्रॉब्लम सॉल्यूशन सर्विस प्रोवाइड करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि केवल स्टार्टअप शुरु करने के लिए शुरूआत नहीं होनी चाहिए, वरन मन में पैशन हो तो स्टार्टअप शुरु करना चाहिए।
किशोर जयरामन ने छात्रों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्हें एग्रीकल्चर सेक्टर में स्टार्टअप शुरू करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने बताया कि भारत में वर्तमान में एयरोस्पेस सेक्टर में सबसे ज्यादा स्टार्टअप शुरू हो रहे हैं जो कामयाबी की नई कहानियां भी लिख रहे हैं। एक छात्र के प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने इकोफ्रेंडली डिवाइसेज बनाने को इंडस्ट्री का सबसे बड़ा चैलेंज बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया में इकोफ्रेंडली तथा रिन्यूएबल एनर्जी पर काफी शोध हो रहे हैं और आने वाले समय में इसे अपनाना ही सबसे बेहतर होगा।
सेमिनार में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने उन्हें सफलता पाने की राह के बारे में भी बताया। सेमिनार के अंत में जयरामन ने छात्रों के विभिन्न प्रश्नों के जवाब भी दिए। सेमिनार ने एंटरप्रेन्योर शाद अहमद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी बिजनेस में कोई बड़ा रिस्क नहीं होता वरन केल्कुलेटेड रिस्क होता है कि हम किस हद तक सर्वाइवल कर पाएंगे। खान ने कहा कि हर नए एंटरप्रेन्योर को इस केल्कुलेटेड रिस्क को टारगेट करते हुए ही स्ट्रेटेजी बनानी चाहिए और उसी के हिसाब से प्लानिंग को एग्जीक्यूट भी करना चाहिए। ऐसा करने से सफलता के चांसेज बढ़ जाते हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे कभी भी एकदम से बिजनेस आरंभ न करें वरन पहले उससे जुड़ी सारी जानकारी लें, एक अच्छी टीम साथ लें और सही तरीके से प्लानिंग करते हुए आगे बढ़े। इस एक तरीके से ही स्टार्टअप को कामयाब बनाया जा सकता है।