ग्लोबल ई-कॉमर्स और एम-कॉमर्स इंडस्ट्रीज का शोर है। इनमें कई ऐसी कंपनियां है जो पहले से ही एंट्री ले चुकी हैं और जिनका सालाना कारोबार ही खरबों रुपए का है तो कुछ नई कंपनियां भी इसमें जुड़ रही हैं। इन कंपनियों के तरह-तरह के मार्केटिंग के शोर-शराबे के बीच हकीकत यह भी है कि ग्लोबली ऑफलाइन रिटेल स्टोर के पास कंज्यूमर की संख्या इन ई-कॉमर्स जॉइंट से अधिक है। वर्ष 2018 दिसंबर तक वल्र्ड पॉपुलेशन करीब 750 करोड़ थी। जबकि इस वर्ष ऑनलाइन बॉयर्स की संख्या दुनियाभर में करीब 190 करोड़ रही। वर्तमान में ऑफलाइन या रिटेल स्टोर के पास ई-कॉमर्स से अधिक कंज्यूमर है लेकिन यह नंबर तेजी से बदल रहा है। वर्ष 2021 तक ऑनलाइन बायर्स की संख्या 240 करोड़ होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो कि रिटेल स्टोर के लिए अच्छे संकेत नहीं है। यदि ऑफलाइन व रिटेल स्टोर अपनी सेल व मार्केटिंग स्ट्रेटजी में बदलाव करें तो अपने कंज्यूमर को ई-कॉमर्स या एम-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर जाने से रोक सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन मार्केटिंग की तर्ज पर इनोवेटिव आइडियाज इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
ऑफर और डिस्काउंट अहम
ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म की ओर कस्टमर के अट्रेक्ट होने का सबसे बड़ा कारण है ऑफर व डिस्काउंट। फेस्टिवल व शॉपिंग कार्निवल के अलावा डेली बेसिस पर मिलने वाले ऑफर के कारण कस्टमर सभी प्रोडक्ट के लिए ई-कॉमर्स को तवज्जो देता है। इसलिए आवश्यक है कि रिटेल स्टोर पर भी उसे यह सुविधा मिले। यदि आप डेली डिस्काउंट या ऑफर की सुविधा नहीं दे सकते तो प्रतिमाह में एक बार डिस्काउंट डे या ऑफर वीक की शुरुआत करें। इससे कंज्यूमर का आपकी ओर ध्यान जाए और वह उन दिनों तो विशेषकर आपके स्टोर को विजिट करे। इसके अलावा कैशबैक व कूपन्स के फंडे भी आप अपना सकते हैं। प्रतिमाह दो से अधिक बार आपके स्टोर में विजिट करने वाले कंज्यूमर को लॉयल्टी रिवार्ड पॉइंट भी दे सकते हैं।
कस्टमर सर्विस की जरूरत
बीआरपी की रिसर्च के अनुसार 79 फीसदी कंज्यूमर चाहते हैं कि रिटेल शॉप पर जाने से पहले व वहां से आने के बाद किसी भी जानकारी व शिकायत के लिए अगर यह सुविधा हो तो शॉपिंग एक्सपीरियंस अच्छा रहेगा। आपके रिटेल बिजनेस का टर्नओवर 50 लाख से अधिक है तो आप कस्टमर सर्विस ऑप्शन ले सकते हंै। इसके लिए जरुरी है कि आपके पास कस्टमर का डेटा, स्थानीय बाजार, प्रोडक्ट इन डिमांड, सप्लाई चैन आदि की पूर्ण जानकारी हो।
ऑनलाइन भी करें शुरुआत
आपके सभी प्रोडक्ट्स की लिस्ट आपकी वेबसाइट पर उपलब्ध हो। आप चाहें तो ऑफलाइन पेमेंट का ऑप्शन रख सकते हैं। यदि कंज्यूमर को ऑनलाइन प्रोडक्ट सलेक्ट व कार्ट का ऑप्शन देने के बाद उस कार्ट की होम डिलीवरी की सुविधा देते हैं तो यह एक बेहतर विकल्प होगा। आपको वेबसाइट में अधिक इन्वेस्टमेंट की आवश्यकता भी नहीं है। यह ध्यान रखने की जरूरत है कि आप जो भी ऑफर या डिस्काउंट दे रहे हैं उसकी जानकारी वेबसाइट पर भी हो और इन्वेंटरी अपडेट होती रहे।